लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले महागठबंधन को बड़ा झटका देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश व राजस्थान विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी। इतना ही नहीं बसपा कांग्रेस के साथ किसी भी स्तर पर कहीं भी मिलकर चुनाव नहीं लड़ेगी। बसपा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। यह बात मायावती ने दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कही। उत्तर प्रदेश में गठबंधन पर उन्होंने स्थिति साफ नहीं की है। वैसे सपा यूपी में बसपा से गठबंधन के लिए अभी भी प्रयास कर रही है।
मायावती ने कहा कि बसपा ने देशहित को ध्यान में रखकर हमेशा कांग्रेस का साथ दिया। इसके बदले काफी बदनामी मोल ली है, लेकिन बसपा नेतृत्व का शुक्रगुजार होने के बजाय कांग्रेस ने भाजपा की तरह पीठ पर पीछे से छुरा घोंपने का काम किया। उन्होंने कहा कि ताजा घटनाओं से कांग्रेस का रवैया ठीक नहीं लगता। ऐसी स्थिति में पार्टी व मूवमेंट के हित में बसपा कांग्रेस के साथ किसी भी स्तर पर गठबंधन नहीं करेगी। कांग्रेस के इसी रवैये से बसपा ने पहले कर्नाटक फिर छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया।
कांग्रेस कम सीटें देना चाहती
उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजस्थान की 200 में 9-10 , मध्यप्रदेश की 230 में 15-20 और छत्तीसगढ़ की 90 में केवल 5-6 सीटें देना चाहती थी। पूरा देश यह जानता है कि केवल बसपा का वोट ही दूसरी पार्टियों को ट्रांसफर होता है अन्य किसी भी पार्टी का नहीं। इसलिए गठबंधन करके चुनाव लड़ने में बसपा को फायदा कम व नुकसान ज्यादा होता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम को टिकट देने से डर सकती है, लेकिन बसपा ने फैजाबाद सीट पर भी मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। देश की जनता के सामने कई उदाहरण हैं। भाजपा की केंद्र सरकार ने मुझे फर्जी फंसाया फिर कांग्रेस सरकार ने काफी दिनों तक इसे उलझाए रखा। काफी संघर्ष के बाद सुप्रीम कोर्ट से मुझे न्याय मिला।
दिग्विजय सिंह भाजपा के एजेंट
मायावती ने कहा कि राहुल व सोनिया गांधी एक तरफ यह चाहते हैं कि भाजपा को हराने के लिए लोकसभा व कुछ राज्यों में होने वाले चुनावों में बसपा से गठबंधन हो, लेकिन मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह गठबंधन नहीं होने देना चाहते। मायावती ने कहा कि दिग्विजय का बुधवार को मीडिया में यह आरोप लगाना कि बसपा केंद्र सरकार व उसकी सीबीआई-ईडी से डरी हुई है, पूरी तरह से गलत है। बसपा राजनीतिक पार्टी के साथ एक मूवमेंट भी है। वह किसी के दबाव में न तो झुकी है और न ही समझौता किया है। गठबंधन के मामले में कांग्रेस का रवैया हमेशा की तरह भाजपा को परास्त करने का नहीं, बल्कि अपनी सहयोगी पार्टियों को चित करने का रहा है।
महागठबंधन पर फिर सकता है पानी
मायावती के यह साफ किए जाने के बाद कि कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेंगी लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन बनाने की योजना पर पानी फिर सकता है। वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बसपा, कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात चल रही थी।