नई दिल्ली। नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) आपको रिटायरमेंट के लिए फंड जोड़ने में अहम भूमिका निभाता है. शेयरों में निवेश के विकल्प के कारण लंबे समय में आप इससे ज्यादा रिटर्न अर्जित कर सकते हैं. जहां इनकम टैक्स में फायदे की बात है तो आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं. इसके अलावा आप धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये तक की कटौती का लाभ ले सकते हैं. अगर आप अपने रिटायरमेंट के लिए जोड़े जा रहे फंड पर ज्यादा रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं तो अपने एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) को नेशनल पेंशन सिस्टम में ट्रांसफर कर सकते हैं.
EPF को NPS में ट्रांसफर करने का ये है तरीका
अगर आप अपने EPF फंड को NPS में ट्रांसफर करना चाहते हैं तो आपके पास एक एक्टिव टियर-1 एकाउंट NPS का होना ही चाहिए. आप यह एकाउंट नियोक्ता के जरिए खुलवा सकते हैं अगर आपके ऑर्गेनाइजेशन में यह लागू है. वैकल्पिक तौर पर आप प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) या e-NPS पोर्टल पर जाकर अपना NPS एकाउंट खुलवा सकते हैं. NPS का एकाउंट खुलवाने के लिए आप npstrust.org.in पर जा सकते हैं.
NPS खाता खुलने के बाद आप PF ट्रांसफर के लिए करें आवेदन
जब आपका NPS एकाउंट खुल जाए तो आप कर्मचारी भविष्य निधि के पास अपने वर्तमान नियोक्ता के लिए EPF ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के बाद आपके EPF की राशि NPS एकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी. हालांकि, इसकी भी एक प्रकिया है. जब आपका आवेदन प्राप्त होगा तो पीएफ फंड एकाउंट के पैसे को पीएफ में ट्रांसफर करने की शुरुआत करेगा. इइसके बाद एक चेक या ड्राफ्ट एनपीएस के नोडल ऑफिस (सरकारी कर्मचारी के मामले में) के नाम जारी किया जाएगा या POP कलेक्शन एकाउंट के नाम जारी होगा.
नियोक्ता को भेजी जाएगी चिट्ठी
जब ट्रांसफर का काम हो जाएगा तो प्रोविडेंट फंड नियोक्ता को पत्र के द्वारा यह सूचित करेगा कि खाते की राशि कर्मचारी के NPS के टियर एकाउंट में ट्रांसफर किया जा रहा है. इसके बाद नोडल ऑफिस या POP (जिसे प्रोविडेंट फंड से ड्राफ्ट या चेक प्राप्त हुआ होगा) वह कर्मचारी के टियर 1 एकाउंट में पैसे अपडेट करेगा.