नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते स्तर के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ रहा है. शेयर बाजार लगातार धराशाई हो रहा है, लेकिन बावजूद इसके म्यूचुअल फंड में लोगों का विश्वास बढ़ा है. म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) जुलाई-सितंबर तिमाही में बढ़कर 24 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है. खुदरा निवेशकों की ओर से म्यूचुफल फंड में दिलचस्पी दिखाने और उद्योग द्वारा चलाया जा रहा निवेशक जागरूकता अभियान इसकी वजह रही.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 41 म्यूचुअल फंड कंपनियों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति सितंबर महीने में बढ़कर 23.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. तिमाही आधार पर इसमें सिर्फ 2.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. वही, 2017 की जुलाई-सितंबर अवधि में यह आंकड़ा 21 लाख करोड़ रुपये था.
उद्योग जानकारों ने कहा कि खुदरा निवेशकों खासकर छोटे शहरों से मजबूत सहभागिता के कारण वृद्धि दर्ज गई.
समीक्षा अवधि में कुल 41 म्यूचुअल फंड कंपनियों में से 33 कंपनियों की परिसंपत्तियों में वृद्धि दर्ज की गई हैं जबकि आठ कंपनियों की परिसंपत्तियों में गिरावट आई. आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड का एयूएम सबसे ऊपर बना रहा. इसके प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति 3,10,257 करोड़ रुपये रही. इसके बाद एचडीएफसी एमएफ (3,06,360 करोड़ रुपये) और आदित्य बिड़ला सन लाइफ एमफ (2,54,207 करोड़ रुपये) रहे.
दो दिन में पांच लाख करोड़ रुपये डूबे
उधर, अगर शेयर बाजार की बात करें तो शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट से दो दिन में निवेशकों की पूंजी पांच लाख करोड़ रुपये कम हुई है. दो दिन में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,357 अंक टूटा है. गुरुवार को बाजार में जोरदार बिकवाली का सिलसिला चला. सेंसेक्स 806 अंक टूटकर 35,169 अंक पर आ गया. रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा जबकि कच्चा तेल 86 डॉलर प्रति बैरल को पार गया. बुधवार को सेंसेक्स 550.51 अंक टूटा था.
बाजार में जोरदार गिरावट से बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण दो दिन में 5,02,895.97 करोड़ रुपये घटकर 1,40,39,742.92 करोड़ रुपये पर आ गया है.