कर्नल संतोष बाबू की मां को अपने बेटे की शहादत पर गर्व, लेकिन इस बात का है दुख

नई दिल्ली। चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू (B Santosh Babu) की मां को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, साथ ही इस बात का दुख भी है कि उनका इकलौता बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा. कर्नल के शहीद होने की खबर मिलते ही नालगोंडा जिले (तेलंगाना) के सूर्यपेट शहर में मातम छा गया.

शहीद कर्नल संतोष की मां मंजुला ने कहा, ‘मुझे अपने बेटे पर गर्व है जिसने मातृभूमि के लिए बलिदान दिया लेकिन एक मां के रूप में, मैं आज दुखी हूं’. उन्होंने आगे कहा कि वह मेरा इकलौता बेटा था. मुझे दोपहर में इस बारे में पता चला जबकि मेरी बहू को सुबह ही खबर मिल गई थी.

कर्नल संतोष उन सैनिकों में से एक हैं जो गालवन घाटी (पूर्वी लद्दाख) में एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ हिंसक संघर्ष के दौरान शहीद हो गए हैं. कर्नल संतोष 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे और डेढ़ साल से सीमा पर तैनात थे. वह अपने पीछे पत्नी संतोषी, एक 9 साल की बेटी अभिनव और एक 4 साल का बेटा अनिरुद्ध को छोड़ गए हैं.

वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सैनिकों के साथ इस हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस बीच, विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वरिष्ठ कमांडरों ने 6 जून, 2020 को एक बैठक की और इस तरह के डी-एस्केलेशन के लिए एक प्रक्रिया पर सहमति व्यक्त की. इसके बाद, ग्राउंड कमांडरों द्वारा मामला सुलझाने के लिए कई बैठकें की गईं. हमें उम्मीद थी कि विवाद आसानी से सुलझ जाएगा, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया.

बयान में यह भी कहा गया है कि 15 जून  की देर शाम और रात को चीन की ओर से यथास्थिति को बदलने के प्रयास के परिणामस्वरूप यह हिंसक झड़प हुई. जिसमें दोनों पक्षों को नुकसान पहुंचा है. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी दी. खबरों के मुताबिक, उनके साथ सेना प्रमुख और डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *