लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के शुक्रवार को उज्जैन से वापसी के समय कानपुर में मुठभेड़ में ढेर होने के बाद अब उसके आश्रयदाता तथा करीबी भी पुलिस के निशाने पर हैं। प्रदेश सरकार की जांच के दायर में उसके तथा करीबियों के शस्त्र तथा उनके लाइसेंस हैं। पांच लाख का इनामी विकास दुबे अपने साथ 12-14 असलहा रखता था। इनमें से अधिकांश के लाइसेंस दूसरों के नाम पर बने थे। ऐसे असलहों के लाइसेंस की फाइल डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने तलब की है। इसके साथ ही विकास दुबे के बिकरू गांव में भी पुलिस ने हथियारों की तलाशी का बड़ा अभियान शुरू किया है।
पांच लाख के इनामी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस की नजर उसके हथियारों पर है। उसके घर से बरामद हथियार के साथ ही उसको शरण देने वालों के हथियार तथा उनके लाइसेंस की जांच होगी। डीजीपी मुख्यालय ने इन सभी शस्त्र लाइसेंसों के निरस्तीकरण की कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट मांगी है। विकास दुबे ने कानपुर में राजनीतिक रसूख के बल पर कई लोगों के शस्त्र लाइसेंस बनवाए थे।
इन सभी का इस्तेमाल भी विकास दुबे ही करता था। उसके पास से मिले इन असलहों में विष्णुपाल पुत्र देवी लाल के नाम रिवाल्वर और डबल बैरल बंदूक (केस में नामजद), जहान यादव पुत्र गेंदालाल यादव के नाम डबल बैरल बंदूक (गिरफ्तार), दयाशंकर पुत्र श्याम नारायण के नाम से सिंगल बैरल बंदूक (गिरफ्तार), आलोक पुत्र मदनलाल के नाम डबल बैरल बंदूक हैं।
इसके अलावा राम सिंह पुत्र छोटेलाल के नाम डबल बैरल बंदूक (नामजद), श्रीकांत पुत्र बबन शुक्ला के नाम डबल बैरल बंदूक, यादवेंद्र पुत्र गेंदालाल के नाम राइफल, राजन पुत्र जिल्ल्लेदार के नाम डबल बैरल, दीपक पुत्र रामकुमार के नाम राइफल, और अंजली दुबे पत्नी दीपक दुबे के नाम एक रिवाल्वर का लाइसेंस है। इन सभी के शस्त्र लाइसेंस की फाइल तलब की गई है।
बिकरू गांव में पुलिस वालों के हथियार की तलाश
विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस लगातार बिकरू गांव में तलाशी ले रही है। अब पुलिस गांव के सभी लोगों के घर जाकर पुलिस पार्टी के हथियार जमा करवाने को कह रही है। इसके लिए मुनादी हो रही है। पुलिस कह रही है कि जिसके पास पुलिसवालों के हथियार हैं, वो जमा करवा दें, वरना उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
मुनादी कराई जा रही है कि जिस किसी के पास भी पुलिस वालों के हथियार हैं, वो पुलिस को सूचित करके जमा करवा दें। वरना उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस दो-तीन जुलाई की रात बिकरू में दबिश देने गई थी। इसमें विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर हमला बोलकर सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसमें पुलिस के गायब हथियारों में तीन पिस्टल तो बरामद कर ली है। अब लूटी गई एके-47 और इंसास रायफल की तलाश हो रही है।