लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर में किडनैप हुए टेक्नीशियन का 23 दिन बाद भी कुछ पता नहीं चला है। युवक के परिवार पर उस वक्त बड़ी आफत टूट पड़ी जब अपहरणकर्ताओं को फिरौती के 30 लाख रुपए दे दिए लेकिन भी उनका बेटा नहीं मिला। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की निगरानी में पैसे दिए गए। वहीं, बीती रात एसएसपी ने बर्रा थाने का जायजा लेकर पीड़ित के परिजनों से बातचीत की।
इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जवाबी हमला किया है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि लगता है उप्र की भाजपा सरकार की नैतिकता का ही अपहरण हो गया है। उन्होंने ट्विट किया- कानपुर में अपहरण की घटना के बाद बेबस व मजबूर परिजनों द्वारा सूचित करने के बावजूद पुलिस के सामने से फिरौती की रकम ले जानेवालों के ऊपर आख़िर किसका हाथ है कि उन्हें पुलिस का भी डर नहीं है।
लगातार आए फोन, ट्रेस न कर पाई पुलिस
परिजनों का आरोप है कि अपहरणकर्ता के 29 जून से लगातार फोन कर रहे थे। उन्होंने पुलिस को न केवल जानकारी दी बल्कि हर कॉल की रिकॉर्डिंग तक मुहैया कराई। इतना सब कुछ होने के बावजूद पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई।
मकान और शादी के जेवर तक बेचे
बेटे को छुड़ाने के लिए माता-पिता ने अपने जेवर और मकान तक बेच दिया था। बहन ने एसएसपी ऑफिस में बिलखते हुए कहा कि घर और खेती बेचने के साथ ही रिश्तेदारों से किसी तरह उधार रुपए लेकर भाई को छुड़ाने की व्यवस्था की थी।
इस प्रकरण में दो तरह से तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस कह रही है बैग में पैसा नहीं था। परिजन कह रहे हैं कि पैसा था। इस प्रकरण को मैं खुद मॉनीटर कर रहा हूं। यदि इस मामले में पुलिस कर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। – दिनेश कुमार पी, एसएसपी