ध्रुव गुप्त
फ्रांस से पांच राफेल आ गए। उनकी गड़गड़ाहट पर भारत के ज्यादातर न्यूज चैनल लहालोट हैं। उन्हें पता है कि राफेल की गर्जना सुनकर पाकिस्तान थर-थर कांपने लगा है। इमरान और बाजवा छिपने के सुरक्षित ठिकाने की खोज में हैं। जिनपिंग अपना देश छोड़कर कहीं और भाग जाएगा।
वे एंकर जल्दी ही दुनिया के सबसे घातक मिसाइलों को राफेल पर लादकर पाकिस्तान और चीन की ओर कूच करने ही वाले हैं। राफेल पर शुभ-लाभ का का टीका तो लग ही चुका है। बस अब 5 अगस्त के उस शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा है जब अयोध्या में राममंदिर का भूमिपूजन सम्पन्न हो जाएगा।
लेकिन जिस स्तर का बेहूदा प्रचार-तंत्र मीडिया पर सक्रिय है, उसे देख-सुनकर क्या आपको कोफ़्त नहीं होती ?
उन्हें देश के बहुसंख्यक लोगों के मानसिक स्तर का पता है और यह भी पता है सत्ता के हित में उस अविकसित मानस से कैसे खेला जाना चाहिए।