कोकाता। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) ने चुप्पी साध रखी है, मगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कैबिनेट के एक मंत्री ने राम मंदिर निर्माण के खिलाफ बात की है।
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और जमीयत-उलमा-ए-हिन्द के प्रदेश अध्यक्ष सिद्दीकुल्ला चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन में भाग लेने के निर्णय को “गलती” बताते हुए कहा, ” मेरे लिए न बोलना गलत होगा।”
चौधरी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से जारी एक वीडियो संदेश में पूछा, “मस्जिद के ऊपर मंदिर कैसे बनाया जा सकता है?”
चौधरी आगे कहते हैं, “हम अपने धैर्य को धारण किए हुए हैं, यह अल्लाह की मस्जिद है। यह अनंत काल तक रहेगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई मंदिर बनता है और पीएम जाते हैं और पहला पत्थर रखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। पूरी दुनिया जानती है कि यह एक मस्जिद है।”
बंगाल के मंत्री ने आगे कहा, “कुछ लोग सोचते हैं कि बल का प्रयोग करने से जीत होगी और इसलिए जबरन मंदिर बनाने की ऐसी कोशिशें हुईं, जहाँ मस्जिद को गिरा दिया गया। इस्लाम शांति, प्रेम, अनुशासन और क्षमा का धर्म है। लेकिन लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि हम कमजोर हैं। हम अपना धैर्य धारण किए हुए हैं।”
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक बार विवादित स्थल पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले पर टिप्पणी करते हुए, सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा, ” हमें न्याय नहीं मिला, हमारे साथ अन्याय हुआ है। पीएम ने गलती की।
बता दें कि इससे पहले सिद्दीकुल्ला चौधरी ने रविवार (दिसंबर 22, 2019) को धमकी दी थी कि अगर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को फौरन वापस नहीं लिया गया तो जब भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कोलकाता दौरे पर आएँगे, तो उन्हें एयरपोर्ट से बाहर कदम नहीं रखने दिया जाएगा।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी। भूमिपूजन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था।
उन्होंने याद दिलाया कि राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। उन्होंने कहा कि आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए, इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं।