पश्चिम बंगाल स्थित मुर्शिदाबाद के मुस्लिम बहुल गाँवों में अजीबोगरीबी फतवा जारी हुआ है। मुस्लिमों के प्रभाव वाले गाँवों के प्रधानों ने जारी किए गए फतवे में कहा है कि टीवी देखना, कैरम खेलना, लॉटरी खरीदना और फ़ोन या कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर के गाने सुनना ‘हराम’ है और इन सारी क्रियाकलापों को प्रतिबंधित किया जाता है। ये फतवा ‘सोशल रिफॉर्म्स कमिटी’ के बैनर तले जारी किया गया।
सोशल रिफॉर्म का अर्थ समाज सुधार होता है लेकिन यहाँ फतवा जारी कर के इस्लामी कट्टरवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। कमिटी ने कहा है कि अगर कोई भी इन फतवों का उल्लंघन करता पाया जाएगा तो उस पर 500 रुपयों से लेकर 7000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही इन फतवों को न मानने वालों के लिए कान पकड़ कर उठक-बैठक कराने की सज़ा देने का भी प्रावधान किया गया है।
ये फतवा मुर्शिदाबाद के अद्वैत नगर गाँव में एक बैठक के बाद जारी किया गया, जहाँ की जनसँख्या 12,000 है। ये सारे गाँव पश्चिम बंगाल और झारखण्ड की सीमा पर स्थित रघुनाथगंज अनुमंडल में आते हैं। अद्वैत नगर सोशल रिफॉर्म्स कमिटी के सचिव अज़हरुल शेख ने कहा कि कुछ क्रियाकलापों को प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि युवा वर्ग इन सबकी वजह से नैतिक और सांस्कृतिक पतन की ओर उन्मुख हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वो युवाओं को ऐसी फ़िल्में, गाने और सीरियल देखने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं दे सकते, जो इस्लाम के मजहबी नियम-क़ानूनों के अंतर्गत फिट नहीं बैठता हो। कमिटी ने रविवार (अगस्त 9, 2020) को ये फतवे जारी किए और साथ ही हिदायत दी कि अगर कोई भी इसका उल्लंघन करते पाया गया तो वो सजा भुगतने के लिए तैयार रहे। इस फतवे से जुड़े पोस्टर-बैनर्स को कई गाँवों में चिपकाया गया है।
अगर कोई शराब बेचते हुए पाया गया तो उसे 7000 रुपए बतौर जुर्माना देना होगा। लेकिन, सिर्फ जुर्माना और उठक-बैठक का भी प्रावधान नहीं है बल्कि शराब बेचने वालों को टकला कर के उसे पूरे गाँव में घुमाया जाएगा। लॉटरी और टिकट गैम्ब्लिंग पर भी इसी सजा का प्रावधान है। अगर कोई शराब पिता हुआ पाया गया तो फिर उस पर 2000 रुपए के जुर्माने के साथ-साथ उसे 10 बार उठक-बैठक भी करनी पड़ेगी।
सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कहा है कि इस फतवा में कुछ भी गलत नहीं है और उन्होंने इन सबका समर्थन किया है। तृणमूल के प्रभाव वाले इलाके वसाइपैकर में पार्टी के नेता और पंचायत प्रधान अब्दुर रउफ ने कहा कि शराब को प्रतिबंधित करना एक अच्छा निर्णय है। साथ ही उन्होंने कैरम खेलने और गाने सुनने पर प्रतिबन्ध का स्वागत करने हुए कहा कि युवाओं को इन सबकी लत लग रही थी, इसीलिए ये ज़रूरी था।
वहीं शमशेरगंज ब्लॉक के प्रखंड विकास पदाधिकारी जॉयदीप चक्रवर्ती ने कहा कि अगर कोई भी क़ानून को अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में आए दिन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या आम बात हो गई है और आरोपित तृणमूल कॉन्ग्रेस से जुड़े होते हैं। साथ ही मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए ममता बनर्जी की सरकार शुरुआत से ही कुख्यात रही है।