नई दिल्ली। भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भले ही वेस्टइंडीज टीम इंडिया से कमजोर साबित हुई हो, इस सीरीज में भारत को पृथ्वी शॉ के रूप में एक नया स्टार जरूर मिल गया है. अपने टेस्ट करियर की पहली टेस्ट सीरीज में पृथ्वी शॉ ने पहले टेस्ट में शानदार शतक लगाया और दूसरे टेस्ट में शानदार अंदाज में बल्लेबाजी जारी रखते हुए 70 और नाबाद 33 रन बनाए. सीरीज में सबसे ज्यादा 237 रन बनाने वाले शॉ को मैन ऑफ द सीरीज के लिए चुना गया.
टीम में कोई जूनियर, सीनियर नहीं
पृथ्वी शॉ ने अपनी पहली टेस्ट सीरीज के ड्रेसिंग रूम के अनुभव पर कहा है कि टीम में कोई सीनियर और जूनियर नहीं है. शॉ के मुताबिक अब सब परिवार के सदस्य जैसे हैं. मैच के बाद शॉ ने कहा, “मेरे लिए यह खुशी का पल है. भारत के लिए एक मैच का समापन करना गर्व की बात है. मैंने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय सीरीज खेली और 2-0 से जीती, वह भी मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार के साथ.” शॉ ने कहा, “टीम में अब कोई जूनियर और सीनियर नहीं रह गया है. हर कोई परिवार के सदस्य जैसा है. अगले पल में क्या होगा, इसका मुझे नहीं पता लेकिन मैं इस पल का आनंद ले रहा हूं.”
सबसे कम उम्र में विनिंग शॉट
इस सीरीज में शॉ ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए. शॉ का सीरीज के अंत में सबसे दिलचस्प रिकॉर्ड रहा. वे विनिंग शॉट लगाने वाले भारत के सबसे कम उम्र के बल्लेबाज बने तो दुनिया में उनका स्थान इस मामले में दूसरा रहा. शॉ ने 18 साल और 339 दिन में टीम इंडिया के लिे विनिंग शॉट लगाया. उनसे आगे ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंग्स हैं जिन्होंने 18 साल 198 दिन में सबसे कम उम्र में विनिंग शॉट लगाया था.
केएल राहुल का भी था विनिंग शॉट में योगदान
टीम इंडिया को जब जीत के लिए केवल एक रन की जरूरत थी तब कएल राहुल क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहे थे. राहुल ने तब चार गेंदों तक सिंगल रन नहीं लिया जिससे पृथ्वी को विजयी रन लेने का मौका मिला और पृथ्वी ने चौका लगाकर टीम को शानदार अंदाज में जीत दिलाई. केएल राहुल के इस जेस्चर की भी काफी काफी तारीफ हो रही है.
पहले टेस्ट मैच में सबसे कम उम्र में शतक
इस सीरीज के राजकोट टेस्ट में पृथ्वी शॉ अपने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र में खिलाड़ी बने. उन्होंने 8 साल 329 की उम्र मे शतक लगाया. डेब्यू टेस्ट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने के मामले में वे चौथे स्थान पर हैं. बांग्लादेश के मोहम्मद अशरफुल (17 साल 61 दिन), जिम्बाब्वे के एच मसकाद्जा (17 साल 352 दिन) और पाकिस्तान के सलीम मलिक (18 साल 323 दिन), पृथ्वी से कम उम्र में शतक लगा चुके हैं.
रणजी, दलीप और टेस्ट क्रिकेट, तीनों के डेब्यू में शतक
पृथ्वी शॉ ऐसे पहले क्रिकेटर बन गए हैं, जिन्होंने अपने रणजी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और टेस्ट क्रिकेट के डेब्यू मैच में ही शतक बनाए हैं. उन्होंने पहले रणजी मुकाबले में 120 और पहले दलीप ट्रॉफी के मुकाबले में 154 रन बनाए थे. इसके साथ ही उन्होंने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया है. सचिन ने रणजी और दलीप ट्रॉफी के अपने पहले ही मैच में शतक जमाया था, लेकिन वे पहले टेस्ट की पहली पारी में खाता भी नहीं खोल सके थे.
पहले टेस्ट मैच में तीसरा सबसे तेज शतक
पृथ्वी शॉ डेब्यू टेस्ट मैच में सबसे तेजी से शतक लगाने वाले तीसरे क्रिकेटर बने. उन्होंने 99 गेंद पर शतक जमाया. डेब्यू टेस्ट मैच मे सबसे तेजी से शतक बनाने का विश्व रिकॉर्ड शिखर धवन के नाम था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में 85 गेंद पर शतक जमाया था. दूसरा सबसे तेज शतक वेस्टइंडीज के ड्वेन स्मिथ के नाम है. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 93 गेंद पर शतक बनाया था. शॉ की पारी को देखकर कई लोगों ने उनकी तुलना वीरेंद्र सहवाग से कर डाली.
विराट ने भी की पृथ्वी की तारीफ
टीम इंडिया के कैप्टन विराट कोहली पृथ्वी की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि पहले टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज चुना जाना बहुत बड़ी बात होती है. उन्होंने उम्मीद जताई की शॉ का यह बढ़िया फॉर्म ऑस्ट्रेलिया में भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा पृथ्वी शानदार खिलाड़ी हैं और टीम में अपना स्थान सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.