पटना। बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है. इसी के साथ बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा, इसे लेकर कोई शक की गुंजाइश नहीं है. पटना में मंगलवार को जब प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी का एनडीए से अलग होने का मुद्दा उठा तो नीतीश कुमार ने कहा कि वे रामविलास पासवान को हमेशा से सहयोग करते आए हैं और उन्हीं के सहयोग से ही पासवान राज्यसभा पहुंचे थे.
हमारी मदद से ही राज्यसभा पहुंचे राम विलास पासवान-नीतीश
नीतीश कुमार ने कहा कि कौन क्या बोलता है उसमें मेरी कोई रुचि नहीं है जिसकी जो इच्छा है वो बोलता रहे. उन्होंने कहा, “रामविलास पासवान से हमारा लगाव है और एक बहुत पुराना लगाव है, रामविलास पासवान जो राज्यसभा में पहुंचे हैं क्या वो बिना जेडीयू की मदद के पहुंचे हैं, जरा बताइए… कितनी सीटें हैं बिहार विधानसभा में… दो है न… तो जेडीयू और बीजेपी ने ही तो उन्हें टिकट देकर राज्यसभा पहुंचाया.”
चिराग पर अप्रत्यक्ष रूप से वार करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोग क्या बोल रहे हैं इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम लोग हमेशा से रामविलास पासवान को सहयोग करते आए हैं. अब किसी के मन में क्या बात है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है.
नीतीश की स्वीकार्यता को लेकर कोई ‘इफ’ एंड ‘बट’ नहीं- सुशील
इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुशील मोदी ने चिराग पासवान को संदेश देते हुए कहा कि बिहार के अंदर एनडीए में वही रहेगा जो नीतीश कुमार को बिहार एनडीए का नेता स्वीकार करेगा. उन्होंने कहा कि अगर रामविलास पासवान स्वस्थ होते तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती. इस चुनाव में नीतीश कुमार को जो नेता स्वीकार करेगा वही एनडीए में रहेगा. इसमें किसी ‘इफ’ एंड ‘बट’ का सवाल नहीं है.
बता दें कि बिहार एनडीए में सीटों का ऐलान हो चुका है. जेडीयू इस चुनाव में 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जेडीयू 7 सीटें हम को देगी. जेडीयू को कुल 122 सीटें मिली है. बीजेपी को कुल 121 सीटें मिली है, इसमें पार्टी कुछ सीटें वीआईपी को देगी.