इस्लामाबाद। आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान ने अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से मदद लेने के विकल्प पर काम करना शुरू कर दिया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि वह कुछ मित्र देशों से संपर्क में हैं जिससे उन्हें बढ़ते कर्ज के चलते बैलेंस ऑफ पेमेंट की समस्या में मदद मिल सके.
गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान ने आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की मांग की थी. पाकिस्तान की इस मांग के बाद आईएमएफ ने उसकी बैलेंस ऑफ पेमेंट समस्या को देखते हुए चीन से वन बेल्ट बन रोड परियोजना के लिए मिले कर्ज की समीक्षा करने की बात कही थी.
आईएमएफ की इस शर्त के चलते पाकिस्तान को बीते कुछ वर्षों के दौरान चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में बड़ा कर्ज मिला था. आईएमएफ का मानना है कि चीन से पाकिस्तान को दिया गया यह कर्ज उसकी परेशानी का कारण हो सकता है लिहाजा किसी तरह का बेलआउट पैकेज देने से पहले वह चीन से मिले कर्ज की पूरी समीक्षा करेगा.
अब मित्र देशों से मदद की बात करते हुए इमरान खान संकेत दे रहे हैं कि वह चीन के साथ हुए सीपीईसी करार का ब्यौरा आईएमएफ को देते से कतरा रहे हैं. वहीं सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान आईएमएप की इस शर्त से बचने और आर्थिक संकट को काबू करने के लिए पाकिस्तान ने चीन और साउदी अरब से मदद की गुहार लगाई है.
वहीं जानकार मान रहे हैं कि जहां बीते हफ्ते तक पाकिस्तान आईएमएफ से बेलआउट की कोशिश कर रहा था वहीं अब इमरान खान का यह बयान साफ संकेत दे रहा है कि उसे चीन अथवा साउदी अरब से किसी तरह की मदद का भरोसा दिया गया है.
गौरतलब है कि बीते हफ्ते आईएमएफ से मदद की गुहार लगाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीना लेगार्ड से पाकस्तान को बेलआउट पैकेज देने का रास्ता कठिन करने के लिए कहा था.