नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चल संपत्ति पिछले 15 महीनों में 36.53 लाख रुपये बढ़ी है। वे आम भारतीयों की तरह अपनी अधिकांश कमाई बचत खातों में ही जमा करते हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में अपनी संपत्ति और देनदारियों की घोषणा की है। पिछले वित्त वर्ष में पीएम मोदी की चल संपत्ति में 26.26 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह 1,39,10,260 रुपये से बढ़कर 1,75,63,618 हो गई है।
आपको बता दें कि 12 अक्टूबर को प्रकाशित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संपत्तियों के विवरण में 30 जून तक की उनकी वित्तीय स्थिति को दर्शाया गया है। यह वृद्धि काफी हद तक पीएम के वेतन पर बचत के रूप में दिखाई गई है।
गांधीनगर में एक करोड़ का प्लॉट और घर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचल संपत्ति में लगभग कोई बदलाव नहीं हुआ है। पीएम ने गांधीनगर में 1.1 करोड़ रुपये के प्लॉट और घर होने की बात कही है। वह अपने परिवार के साथ इसके एक हिस्सा के मालिक हैं।
हालिया रिपोर्ट से से पता चलता है कि प्रधानमंत्री जीवन बीमा, राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) और बुनियादी ढांचा बांड के जरिए ही कर बचत कर रहे हैं। परिसंपत्तियों और देनदारियों की घोषणा से यह भी पता चलता है कि उन्होंने एनएससी में अधिक निवेश किया है और उनका बीमा प्रीमियम कम हुआ है।
कोरोना के कारण राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगियों और संसद सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री के वेतन में भी 30 प्रतीशत की कटौती की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचत खाते में 30 जून को 3.38 लाख रुपये थे। उन्होंने जून के अंत में 31,450 रुपये नकद अपने पास रखे।
फिक्स डिपॉजिट में इजाफा
भारतीय स्टेट बैंक की गांधीनगर शाखा में उसकी फिक्स डिपॉजिट राशि 30 जून 2020 तक बढ़कर 1,60,28,039 रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष में 1,27,81,574 रुपये थी। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए दिए हलफनामे में उन्होंने इसकी घोषणा की थी।
पीएम मोदी के पास नहीं है कोई लोन
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री के पास कोई देनदारियां नहीं हैं और उनके पास कार नहीं है। उसके पास सोने की चार अंगूठियां हैं। वह 8,43,124 रुपये के राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के माध्यम से टैक्स सेविंग करते हैं। अपने जीवन बीमा के लिए 1,50,957 रुपये का प्रीमियम चुकाते हैं। प्रधानमंत्री के पास राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के 7,61,646 रुपये थे और जीवन बीमा प्रीमियम के रूप में 1,90,347 रुपये का भुगतान किया।
सार्वजनिक जीवन में अधिक पारदर्शिता के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा 2004 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद की संपत्ति और देनदारियों का सार्वजनिक खुलासा किया गया था। संसद सदस्यों को भी, हर साल अपने परिवार की आय का एक बयान दर्ज करना पड़ता है और चुनाव नामांकन फॉर्म भरने के लिए संपत्ति और देनदारियों का एक हलफनामा देना होता है।
प्रधानमंत्री के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित सभी वरिष्ठ मंत्रियों ने अपनी संपत्तियों का खुलासा किया है। रामदास अठावले, बाबुल सुप्रियो और प्रताप चंद्र सारंगी सहित कुछ जूनियर मंत्रियों ने अभी तक घोषणा नहीं की हैं।