नई दिल्ली। इस्लामी नियम-कायदों का हवाला देकर निवेश की धोखाधड़ी के मामले में CBI ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। ये मामला ‘आई-मॉनेटरी एडवाइजरी (IMA)’ बैंकिंग घोटालों से जुड़ा है, जिसके तहत 4000 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई थी। अब इस मामले में शनिवार (अक्टूबर 17, 2020) को CBI ने पूरक आरोप-पत्र दायर किया है। इस्लामी बैंक घोटाले के आरोपितों में कई बड़े अधिकारियों के नाम हैं।
आइजी हेमंत निंबालकर और एसपी अजय हिलोरी जैसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम भी इस चार्जशीट में बतौर आरोपित शामिल किया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने कर्नाटक सरकार के राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर IMA के खिलाफ आई शिकायतों को नज़रअंदाज कर दिया था और इस मामले में की जा रही जाँच-पड़ताल बंद कर दी थी। साथ ही इस मामले में चल रही पूछताछ भी बंद कर दी गई थी।
IMA में ‘I’ की व्याख्या नहीं की गई है लेकिन इसे ‘Islamic’ के रूप में ही प्रचारित किया गया है। CBI के अधिकारियों के अनुसार, आरोप-पत्र में IMA के प्रबंध निदेशक मोहम्मद मंसूर खान और बेंगलुरु नॉर्थ सब डिवीजन के तत्कालीन सहायक आयुक्त एलसी नागराज को भी आरोपित बनाया गया है। इन सभी ने रिजर्व बैंक और आयकर विभाग द्वारा बार-बार चेताए जाने के बावजूद इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी।
तत्कालीन डीएसपी (सीआइडी) ईबी श्रीधर, कॉमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने के तत्कालीन एसएचओ एम रमेश और तब थाने के सब-इंस्पेक्टर रहे पी गौरीशंकर का नाम भी आरोपितों में शामिल है। कमर्शियल स्ट्रीट पुलिस थाने में स्थित IMA इस्लामी बैंक के मुख्यालय को भी बंद कर दिया गया था। इसके निदेशकों निजामुद्दीन, नसीर हुसैन, नवीद अहमद, वसीम, अरशद खान और अफसर पाशा को भी आरोपित बनाया गया है।
आरोपित अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बजाए कम्पनी को क्लीन चिट दे दी थी और साथ ही कहा था कि ये किसी भी गैर-क़ानूनी गतिविधि में लिप्त नहीं है। अपनी अवैध गतिविधियों को कम्पनी ने बेख़ौफ़ जारी रखा और दुष्परिणाम ये हुआ कि निवेशकों के हजारों करोड़ रुपए डूब गए। आरोपित अधिकारियों ने इस वित्तीय धोखाधड़ी को जारी रखने की अनुमति देने के एवज में रिश्वत भी ली थी। CBI इस्लामी बैंकिंग घोटाले में 2 आरोप-पत्र पहले ही दायर कर चुकी है।
In multi crore IMA Ponzi scheme scam, CBI has filed a supplementary chargesheet against MD of IMA, Mohd Mansoor Khan, IGP Hemant Nimbalkar, and more.
Karnataka recorded 7184 new covid cases.
Reporter @iffathfathima6
Camera @vinodkumart5
Editing @MeghanaSastry @santwana99 pic.twitter.com/xFx4ZxL3Zn— TNIE Karnataka (@XpressBengaluru) October 17, 2020
ये घोटाला 2018 में सामने आया था। पता चला था कि ज्यादा ब्याज का प्रलोभन देते हुए कम्पनी मासिक योजना, शिक्षा योजना और विवाह योजना जैसी कई पोंजी स्कीमों में जरिए लोगों से धन इकट्ठा कर रही थी। वहीं जब बात इसका रिटर्न देने की आई तो मंसूर खान सब कुछ छोड़-छाड़ कर दुबई भाग गया था। हालाँकि, जुलाई 2019 में भारत को उसके प्रत्यर्पण में सफलता मिली। फ़िलहाल वो गिरफ़्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में है।
पिछले साल ही खबर आई थी कि एसआईटी को दिए बयान में मंसूर खान ने कहा है कि उसने 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के पूर्व सीएम को 5 करोड़ रुपए भिजवाए थे। कयास लगाए गए थे कि मंसूर जिस पूर्व सीएम की बात कर रहा है, वह कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया हो सकते हैं। उनकी कैबिनेट में शामिल रहे रोशन बेग से इस मामले में पूछताछ भी हो चुकी है। उसे कई नेताओं को रिश्वत देने की बात कबूली थी।