अलीगढ़। हाथरस गैंगरेप और मर्डर मामले में सीबीआई की छानबीन जारी है. इस बीच, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लीव वैकेंसी पर काम कर रहे दो डॉक्टरों को तत्काल प्रभाव से टर्मिनेट कर दिया गया है. एएमयू के वीसी के आदेश से इन दोनों डॉक्टरों को टर्मिनेट किया गया है.
जेएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी और ट्रॉमा में कार्यकारी सीएमओ के पद पर कार्य कर रहे डॉ अजीम और डॉ ओबैद को यूनिवर्सिटी वीसी प्रोफेसर तारिक मंसूर के आदेश से टर्मिनेट कर दिया गया है.
डॉ अजीम ने हाथरस मामले को लेकर अपनी राय रखी थी. उन्होंने बताया था कि 10 से 12 दिन में अगर सैम्पल कलेक्ट किया जाता है तो उसमें रेप की पुष्टि करना मुमकिन नहीं है. वहीं सोमवार को हाथरस मामले को लेकर सीबीआई की टीम ने भी जेएन मेडिकल कॉलेज में छानबीन की थी. सीबीआई की टीम ने सात घंटे से अधिक समय तक मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों से पूछताछ की थी.
डॉक्टर बोले- पता नहीं क्यों टर्मिनेट किया
वहीं दोनों डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें किस वजह से टर्मिनेट किया गया है, इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई है. डॉक्टरों ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कार्यरत छह डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित होने पर उनको ड्यूटी पर बुलाया गया था. उस भयंकर कोरोना संक्रमण के दौर में कोई भी यहां ड्यूटी करना नहीं चाहता था, तब हमने यहां ड्यूटी की.
डॉक्टरों ने बताया कि आज हमको सीएमओ मेडिकल इंचार्ज डॉक्टर एस.ए.एच. जैदी ने लिखित रूप से अवगत कराया कि एएमयू वीसी ने उनको टेलीफोन पर निर्देशित किया है कि आज से हम दोनों डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त की जाती हैं. हम दूसरी जगह से नौकरी छोड़ कर आए और यहां कोविड-19 काल मैं ड्यूटी ज्वॉइन कर अपनी सेवाएं दीं. उस दौरान सेवाएं दीं जब यहां कोई काम करने को तैयार नहीं था.
वीसी से की अपील
डॉक्टरों ने कहा कि किस कारण से हमारी सेवाएं समाप्त की गई हैं, यह हमें बताया जाए? हमारी स्वतंत्रता की आवाज दबाई जाने की कोशिश की जा रही है तो हमने भी वीसी साहब को पत्र लिखा है और वह हमारे भविष्य के हित में सोचेंगे यह हमें उनसे उम्मीद है.