अबू धाबी क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने रविवार (नवंबर 1, 2020) को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर हाल में हुए आतंकवादी हमलों की निंदा की।
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई सशस्त्र बलों के उप-सर्वोच्च कमांडर ने राष्ट्रपति से हाल के हमलों के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने आतंकवादियों द्वारा उनके अपराधों का बहाना करने के लिए इस्तेमाल किए गए किसी भी औचित्य को खारिज कर दिया।
क्राउन प्रिंस ने यह भी जोर देकर कहा कि हिंसा पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं का प्रतिनिधि नहीं है। क्राउन प्रिंस ने कहा, “ये हिंसक अत्याचार शांति, सहिष्णुता और प्रेम का आह्वान करने वाले सभी एकेश्वरवादी धर्मों की शिक्षाओं और सिद्धांतों के साथ असंगत हैं। जिसने मानव जीवन की पवित्रता पर जोर दिया।”
उन्होंने कहा, “किसी भी परिस्थिति में पैगंबर को हिंसा या राजनीतिकरण से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।” क्राउन प्रिंस ने विभिन्न पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को घृणास्पद भाषण और हिंसा का सहारा लेने के बजाय सम्मानजनक बातचीत में शामिल होने का आह्वान किया।
पैगंबर ए इस्लाम के कार्टूनों को कक्षा में दिखाए जाने पर हुई फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या के बाद हुए हमलों के बाद अबू धाबी क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को फोन किया। यूएई के क्राउन प्रिंस ने कहा कि अपराध, हिंसा और आतंकवाद का किसी भी तरह से बचाव करना गलत है। शेख मोहम्मद ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद के लिए मुसलमानों के मन में अपार आस्था है लेकिन इस मुद्दे को हिंसा से जोड़ना और इसका राजनीतिकरण करना बिल्कुल अस्वीकार्य है।
फ्रांस के नीस शहर में एक चर्च के बाहर दो महिलाओं समेत तीन लोगों की हत्या से पूरे देश में आक्रोश है। फ्रांस ने इसे आतंकी घटना करार दिया है। इसको लेकर दुनिया के तमाम मुल्क फ्रांस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
यूएई के विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद के खिलाफ इन आपराधिक कृत्यों की कड़ी निंदा करते हुए बयान जारी किया। मंत्रालय ने कहा कि वह हिंसा के सभी रूपों को स्थायी रूप से खारिज करता है।
वहीं ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने इस घातक चाकू हमले की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “हम नीस शहर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं।” ईरान, यूएई के अलावा इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमले की निंदा की। उन्होंने ट्वीट करके सभी सभ्य देशों को फ्रांस के साथ पूर्ण एकजुटता के साथ खड़े होने की बात कही। साथ ही दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्रांस को समर्थन दिया और कहा कि अमेरिका इस लड़ाई में अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ खड़ा है।
ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, “हमारा दिल फ्रांस के लोगों के साथ है। अमेरिका इस लड़ाई में अपने सबसे पुराने सहयोगी के साथ खड़ा है। इन कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवादी हमलों को तुरंत रोक देना चाहिए।”