नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सोनिया गांधी के बेहद करीबी कहे जाने वाले अहमद पटेल अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन वे अंतिम समय तक सोनिया गांधी के भरोसेमंद बने रहे. कांग्रेस में शीर्ष तक पकड़ बनाए रखने वाले अहमद पटेल बेहद शर्मीले किस्म के नेता थे और 4 दशक से भी ज्यादा लंबे राजनीतिक करियर के बावजूद उन्होंने अपने परिवार को राजनीति से दूर ही रखा.
सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल खुद एक राजनीतिक परिवार से आते थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को इससे दूर ही रखा. 1976 में गुजरात से भरूच में स्थानीय निकाय में किस्मत आजमाने के साथ ही राजनीतिक करियर की शुरुआत की और जल्द ही वह इंदिरा गांधी के करीबी बन गए. बाद में वह राजीव गांधी के बेहद करीबी और खास रहे.
इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव 1984 में लोकसभा की 400 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता में आए तो उस समय अहमद पटेल सांसद होने के अलावा पार्टी के संयुक्त सचिव बनाए गए. बाद में उन्हें कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया.
परिवार में 2 बच्चे
शर्मीली शख्सियत वाले 71 साल के अहमद पटेल का राजनीतिक करियर बेहद कामयाब रहा. लेकिन राजनीतिक चकाचौंध से अपने परिवार को लगातार दूर ही रखा. उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी है. बेटे फैजल पटेल राजनीति से दूर हैं और उनका बिजनेस है. जबकि उनकी बेटी मुमताज पटेल की शादी वकालत करने वाले इरफान सिद्दीकी के साथ हुई.
1976 में अहमद पटेल ने मेमूना अहमद से शादी की. उनके दो बच्चे हुए. एक बेटा और बेटी, लेकिन दोनों कांग्रेस या किसी भी पार्टी की राजनीति से कोसों दूर हैं. उनके बेटे फैजल पटेल ने ही ट्वीट कर पिता के निधन की जानकारी दी.
@ahmedpatel pic.twitter.com/7bboZbQ2A6
— Faisal Patel (@mfaisalpatel) November 24, 2020
8 बार संसद पहुंचे पटेल
गुजरात से ताल्लुक रखने वाले अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के लिए चुने गए तो 5 बार राज्यसभा के सांसद रहे. अगस्त 2018 में अहमद पटेल को कांग्रेस का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था.
अहमद पटेल पहली बार 1977 में 26 साल की उम्र में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. हमेशा पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले अहमद पटेल कांग्रेस परिवार के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते थे. अहमद 1993 से राज्यसभा सांसद थे.