जो लोग इजरायल और उसकी कूटनीति पर नजर रखते हैं, उन्हें पता है कि फिलिस्तीन से तो उसका युद्ध चल ही रहा है, लेकिन वो ईरान को अपना दुश्मन नंबर एक मानता है। अमेरिका से भी ईरान के रिश्ते ठीक नहीं हैं। अब एक नई घटना ने फिर से बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। शुक्रवार (नवंबर 27, 2020) को ईरान के सबसे बड़े परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या कर दी गई। ईरान ने इसका आरोप इजरायल पर लगाते हुए बदला लेने की धमकी दी है।
ईरान का परमाणु कार्यक्रम शुरू से विवादित रहा है और इसी कारण उस पर अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने कई प्रतिबंध लगाए। मोहसिन फखरीजादेह को इस परमाणु कार्यक्रम का मास्टरमाइंड माना जाता है। तेहरान के पूर्वी क्षेत्र में उनकी कार को घेर कर उनकी हत्या कर दी गई। उसके बाद वायरल हुई तस्वीरों में सड़क पर खून और उनकी टूटी-फूटी कार देखी जा सकती है। ईरान के ब्रिगेडियर जनरल आमिर हातमी ने बताया कि फायरिंग और बमबारी के जरिए उन्हें निशाना बनाया गया।
वहीं ईरान के विदेश मंत्री जरीफ ने इस हत्याकांड को कायरता भरी घटना करार दिया और इसके पीछे इजरायल का हाथ बताया। इलीट रेवोलुशनरी गार्ड के न्यू टेक्नोलॉजी के रिसर्च सेंटर के मुखिया मोहसिन फखरीजादेह ही थे। ईरान ने कहा है कि यूरोपियन यूनियन अपना ‘दोहरा रवैया’ त्यागे और इजरायल द्वारा अंजाम दी गई इस ‘युद्ध भड़काने वाली घटना’ को देखे। एक पत्रकार ने कहा कि ईरान के लिए ये पेशेवर और मानसिक तौर पर एक बड़ी घटना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस ट्वीट को रीट्वीट किया। खुद अमेरिका का कहना है कि ये हत्याकांड एक बड़ी घटना है और इस पर नजर रखी जा रही है। ईरान ने तो इसे आतंकी घटना करार दिया है। ईरान ने कहा कि इससे उसके विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में तरक्की के लिए इरादे और मजबूत होंगे ही, साथ में वो बदला भी लेगा। लेबनान ने भी ईरान का समर्थन किया है और इसके पीछे अमेरिका-इजरायल का हाथ बताया।
अमेरिका और ‘इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी’ की कई रिपोर्ट्स में मोहसिन फखरीजादेह का नाम है। हालाँकि, वो ईरान के परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने में अपने रोल से इनकार करते रहे थे। लेकिन, उन्हें ईरान की पुरानी महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक माना जाता था और उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे। अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण के लिए 50 दिन बचे हैं, इस बीच इस घटना के होने के कई अर्थ लगाए जा रहे हैं।
Iran Quds Force commander Qassem Soleimani hugging & kissing nuclear bomb mastermind Mohsen Fakhrizadeh.
Both of them
• Were Islamic Revolutionary Guard Corps generals
• Perpetrated or planned genocide
• Had their deaths lamented by UN's @AgnesCallamard, next head of @Amnesty pic.twitter.com/QIkFskWeV0— Hillel Neuer (@HillelNeuer) November 28, 2020
मध्य-पूर्व में तनाव उपजने के साथ ही यूएन ने शांति की अपील की है। यूएन ने कहा है कि ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचा जाना चाहिए, जिससे तनाव और बढ़े। साथ ही यूएन ने किसी भी ‘हत्या या एक्स्ट्राजुडिशल मर्डर’ की भी निंदा करने की बात कही है। वहीं इजरायल की मीडिया में ख़बरें चल रही हैं कि ईरान के परमाणु अभियान का जनक कई दशकों से इजरायल के निशाने पर था और उसका मारा जाना इजरायल के लिए एक सफलता है।
इजरायल की मीडिया का कहना है कि पिछले कुछ सालों में इजरायल में जितनी सरकारें आईं, या उसकी ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के जितने भी डायरेक्टर बदले, उनका निशाना मोहसिन फखरीजादेह तो था ही था। इजरायल को ईरान द्वारा बदले की कार्रवाई की आशंका है और इसके लिए वो इसके लिए तैयारी कर रहा है। आशंका है कि अब ईरान यहूदियों को निशाना बनाएगा, गाजा में हमले तेज करेगा और इजरायल के जहाजों को निशाना बना कर उसके व्यापारिक हितों पर चोट पहुँचाएगा।
इजरायल के दूतावासों पर हमले हो सकते हैं, इसीलिए वहाँ अलर्ट जारी कर दिया गया है। अमेरिकी मीडिया में चल रहा है कि जो बायडेन ने 2015 के उस परमाणु करार में फिर से घुसने की इच्छा जताई थी, जिससे डोनाल्ड ट्रम्प पीछे हट गए थे। वहाँ की मीडिया ये अंदाज़ा लगा रहा है कि ईरान के साथ नया अमेरिकी प्रशासन के रिश्ते सुधारने की कोई कोशिश परवान न चढ़े, इसीलिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है।
कई विशेषज्ञों का कहना है कि ये हत्याकांड ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नेस्तनाबूत करने के इरादे से अंजाम नहीं दिया गया, इसके द्वारा कूटनीति को निशाना बनाया जा रहा है। कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो नवंबर के शुरुआती हफ्ते में इजरायल पानी पीने तो आए नहीं थे, कोई न कोई बात रही होगी। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खमेनेई ने बदले की धमकी देते हुए कहा कि दोषियों को दंडित किया जाएगा।
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मोहसिन फखरीजादेह को मारने वाले सभी हत्यारों और ख़ुफ़िया प्रोफेशनल्स को विदेश में प्रशिक्षित किया गया था। इस घटना में 62 लोगों के शामिल होने की संभावना है। ख़ुफ़िया तैयारी ऐसी थी कि हत्यारों को परमाणु वैज्ञानिक की गतिविधियों के बारे में सब पता था। 4 बाइक सहित कई गाड़ियों से इंतजार कर रहे हत्यारों ने पहले ही वहाँ की बिजली काट दी थी।
तीन बुलेटप्रूफ कारों के काफिले में से दूसरे को निशाना बनाया गया, जिसमें वो बैठे थे। कहा जा रहा है कि उन्हें गाड़ी से बाहर निकाल कर गोली मारी गई। उनके घायल लोगों को जब अस्पताल ले जाया गया, तो वहाँ बिजली ही नहीं थी। इसीलिए, सबको तेहरान रेफर करना पड़ा। ‘ELINT News’ ने ईरान के सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि 12 हत्यारे पकड़े भी गए हैं। इजरायल की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
कुछ ही महीनों पहले ईरान के टॉप सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी को अमेरिका ने बग़दाद में मार गिराया था। दुनिया भर के कई इलाकों में हज़ारों मुस्लिमों ने अमेरिका और इजरायल के ख़िलाफ़ भड़काऊ नारेबाजी करते हुए सुलेमानी के मारे जाने पर रोष जताया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने खुलासा किया था कि सुलेमानी पर निर्दोष लोगों की मौत की सनक सवार थी और उसने दिल्ली में भी आतंकी साज़िश को अंजाम दिया था।