नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हालांकि, किसान संघों ने दोपहर दो बजे दोबारा मीटिंग की। इस मीटिंग में क्या फैसला लिया गया, इसकी जानकारी शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी जाएगी। इससे पहले पंजाब के 30 किसान संघों की सुबह 11 बजे बैठक हुई जिसमें किसानों ने बुराड़ी मैदान जाने से इनकार कर दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि आंदोलनकारी किसान व्यवस्थित हो जाएं तो सरकार उनसे तुरंत बातचीत करेगी। शाह के इस बयान के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पंजाब के 32 किसान संघों को शुरुआती बातचीत का न्योता दिया। इस चिट्ठी में आंदोलनकारी किसानों से अपील की कि वो सड़कों से हटकर बुराड़ी मैदान चले आएं। वहीं, किसान बिना शर्त बातचीत पर अड़े हैं।
2.30 घंटे की बैठक में शाह का प्रस्ताव खारिज
इससे पहले, किसानों की बैठक में अमित शाह का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। शाह ने प्रस्ताव दिया था कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते किसान बॉर्डर से हटकर दिल्ली के बुराड़ी में निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन करें। दिन के 11 बजे शुरू हुई बैठक करीब 2.30 घंटे चली। इस बैठक में गृह मंत्रालय की शर्त नहीं मानने का फैसला हुआ। किसानों का कहना है कि वो केंद्र सरकार से बिना किसी शर्त के साथ बातचीत चाहते हैं। किसान संघों की तरफ से बनाई गई सात सदस्यीय समिति के एक सदस्य ने कहा कि किसानों के नेता शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
घर से राशन-पानी लेकर पहुंचे हैं किसान
बड़ी बात यह है कि आंदोलनकारी किसान नए कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिखते हैं। प्रदर्शनकारी घर से राशन-पानी, रजाई-गद्दा लेकर निकले हैं। उनका दावा है कि हम अगले 4 से 6 महीने तक प्रोटेस्ट करने की तैयारी के साथ आए हैं। प्रदर्शन कर रहे किसानों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सभी लोग इस बात पर अड़े हुए हैं कि नए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।