सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल का कहना है कि ये एक फंगल संक्रमण है जो कोरोना से ठीक हुए लोगों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से फैल रहा है। डॉक्टर मनीष मुंजाल का कहना है कि अभी डॉक्टरों को भी इस बीमारी के बारे में सही जानकारी नहीं हैं। सामान्य डॉक्टर इसे न्यूरो की बीमारी बताकर रेफर कर रहे। उनके पास कई ऐसे मरीज आए हैं जो न्यूरो में रेफर किये गए थे।
आंख, नाक और जबड़ों को खत्म कर रहा
डॉक्टर मनीष मुंजाल ने बताया कि पिछले 15 दिनों में इसके मामले अचानक बढ़ने से हैरानी हुई है। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित लोग वे हैं जो कोरोना से ठीक हुए हैं। अभी तक 15 दिनों में जो इससे पीड़ित 13 मरीज आए हैं उनमें से 5 मरीजों की आंखों की रौशनी चली गई। इतना ही नहीं उनकी आंख सड़कर धीरे धीरे खत्म हो रही थी। वहीं 7 मरीजों के जबड़े खत्म हो गए और उनकी सर्जरी करनी पड़ी है।
ये हैं लक्षण
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद आपकी नाक बंद हो रही है या पपड़ी जम रही है तो उसे नजरअंदाज ना करें। इसे अलावा गालों का सुन्न होना या इनमें सूजन आने जैसे लक्षण दिखते हैं तो फौरन डॉक्टर के पास जाकर बताएं कहीं ये बीमारी म्यूकोमरकोसिस है या नहीं। देर से पता चलने पर नाक में मौजूद इंफेक्शन आंख तक पहुंच सकता है जिससे आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। अगला स्टेज और भी खतरनाक है क्योंकि आंख के रास्ते अगर ये संक्रमण ब्रेन तक चला जाए तो जान तक जा सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक इस बीमारी का इलाज है लेकिन मरीज का सही समय पर अस्पताल पहुंचना जरूरी है।