पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के फैलने के बाद चीन को संदिग्ध नजरों से देखा जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के पीछे चीन को जिम्मेदार ठहराया था, जबकि कई अन्य देश भी ड्रैगन पर वायरस को लेकर हमला बोल चुके हैं। कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला चीन के वुहान शहर से ही सामने आया। इसके बाद, चीन हर उस व्यक्ति या फिर देश को निशाने पर लेने लगा था, जो उसपर सवाल खड़े कर रहे थे। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वुहान में कोरोना वायरस की स्थिति पर लाइव स्ट्रीम करने वाली सिटीजन जर्नलिस्ट झांग झान को चीन ने चार साल की जेल की सजा सुनाई है। झांग ने वुहान में फैले कोरोना वायरस के बारे में पूरी दुनिया को जानकारी दी थी। जर्नलिस्ट पर की गई कार्रवाई के बाद चीन की असलियत सामने आ गई है और लोग सवाल करने लगे हैं कि जरूर ‘दाल में कुछ काला’ है।
हॉन्ग-कॉन्ग फ्री प्रेस (HKFP) की रिपोर्ट के अनुसार, झांग को महामारी के शुरुआती चरणों के दौरान परेशानी को और भड़काने का दोषी ठहराया गया है। शंघाई की न्यू डिस्ट्रिक्ट पीपुल्स कोर्ट के बाहर सोमवार को सुनवाई शुरू होने से पहले झांग के दर्जनों समर्थक और डिप्लोमैट्स इकट्ठे हुए। हालांकि, इस दौरान पुलिस ने पत्रकारों को कोर्ट में घुसने से रोक दिया और बाहर कर दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि 37 वर्षीय पूर्व वकील जून महीने से ही भूख हड़ताल पर है। उनके वकीलों के अनुसार, उन्हें जबरदस्ती नाक की नली के रास्ते खाना दिया गया।
उन्होंने कहा, ”उसने ट्रायल में भी हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। उसने कहा था कि यह अपमान है।” इसके बाद, वकील ने भी झांग से खाने के लिए कहा, जिसे उसने मना कर दिया। झांग की वकील ने आगे कहा कि वह अपने वीडियो और फोटो की तुलना में अधिक कमजोर हो गई है। यह विश्वास करना मुश्किल है कि यह वही है, जिसे आपने ऑनलाइन देखा था।
मालूम हो कि चीन की अदालत प्रणाली कुख्यात अपारदर्शी है। इसमें संवेदनशील मामलों को ज्यादातर बंद दरवाजों के पीछे ही सुना जाता है। ऐसे में चीन के कोर्ट सिस्टम पर भी सवाल खड़े होते रहे हैं। बता दें कि जर्नलिस्ट को उस समय दोषी करार दिया गया है, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम जल्द ही कोरोना वायरस को लेकर चीन का दौरा करने वाली है। यह टीम कोरोना वायरस कैसे और कहां से फैला, इस बात की भी जांच करेगी।
‘वुहान स्थित लैब से निकला कोरोना वायरस’
बता दें कि चीन पर आरोप लगता रहा है कि वहां के एक लैब से कोरोना वायरस निकला है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ भी दावा कर चुके हैं कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान स्थित लैब से होने के उनके पास पुख्ता सबूत है। चीन के खिलाफ मुखर रहे पोम्पियो ने हालांकि यह नहीं बताया था कि क्या चीन ने इस वायरस को जानबूझकर फैलाया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा आक्रामक रहे हैं। वह लगातार बीजिंग पर हमला करते हुए उस पर सूचना छुपाने का दोष मढ़ते रहे हैं। उनका कहना है कि इस गैरजिम्मेदारी के लिए चीन को जवाबदेही लेनी चाहिए।