समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा शनिवार को कोरोना वायरस टीके को ”भाजपा का टीका” करार दिये जाने के कुछ ही घंटे बाद नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोविड-19 टीके का संबंध किसी राजनीतिक दल से नहीं, बल्कि मानवता से है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, ”मैं किसी और के बारे में तो नहीं कह सकता, लेकिन जब मेरी बारी आएगी तो मैं खुशी-खुशी टीका लगवाऊंगा।”
नेकां उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा कि जितने ज्यादा लोग टीका लगवाएंगे, देश और अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही बेहतर होगा। उन्होंने ट्वीट किया, ”कोई भी टीका किसी राजनीतिक दल से संबंध नहीं रखता। उनका संबंध मानवता से है। संवेदनशील लोगों को जितना जल्दी टीका लगाया जाए, उतना बेहतर होगा।” वहीं यादव ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा, ”भाजपा जो टीका लगवाएगी, मैं उस पर कैसे भरोसा करूं? मैं भाजपा का टीका नहीं लगवा सकता।”
इस बीच, भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन के, कुछ शर्तों के साथ आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की शनिवार को सिफारिश की। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी एक विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस रोधी टीके के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की भी सिफारिश की थी। कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
एक सूत्र ने बताया कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने अतिरिक्त डाटा, तथ्य और विश्लेषण सौंपे जाने के बाद हैदराबाद स्थित फ़ार्मास्युटिकल फर्म के टीके के आपातकालीन उपयोग संबंधी आवेदन पर शनिवार को फिर से विचार-विमर्श किया। भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष अर्जी दाखिल की थी। एसईसी ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना वायरस रोधी टीके ‘कोविशील्ड के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी।