नई दिल्ली। दिल्ली की सिंघु सीमा पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसी बीच शुक्रवार (जनवरी 22, 2021) को किसान नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक नकाबपोश को सामने किया, जिसने दावा किया कि उसे 4 किसान नेताओं को शूट करके आंदोलन में उपद्रव पैदा करने के लिए रुपए दिए गए थे। उसका नाम योगेश सिंह है। अब खुलासा हुआ है कि उससे ये सब जबरदस्ती कहवाया गया था।
बेरोजगार योगेश के पिता जहाँ कूक हैं, उसकी माँ लोगों के घरों में बर्तन माँज कर गुजारा करती हैं। उसकी बहन पढ़ाई करती हैं। उसने खुलासा किया है कि दिल्ली पुलिस को बदनाम करने के लिए उससे ये सब कहवाया गया था। उससे पहले उसे जम कर प्रताड़ित किया गया था। उसने खुलासा किया है कि ऐसा न करने पर उसकी हत्या तक की भी धमकी दी गई थी। उसने बताया कि उसका नाम योगेश है और वो सोनीपत का रहने वाला है।
उसने बताया कि वो जनवरी 19 को पानीपत से जा रहा था, तभी उसने कुछ किसान प्रदर्शनकारियों को नरेला में देखा। उसने देखा कि कुछ लोग कुछ महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। योगेश ने बताया कि जब उसने किसान प्रदर्शनकारियों को उन लोगों की करतूतों के बारे में बताया, तो उन्होंने उसे ही उनमें से एक समझ कर पकड़ लिया। इसके बाद उसकी पिटाई की गई। ट्रॉली से उलटा लटका कर उसे मारा गया।
इसके अगले दिन उन किसान नेताओं ने योगेश से कहा कि उसे वही सब कुछ करना होगा, जो कहा जाएगा। साथ ही उन्होंने उसे बुरी तरह धमकाया कि अगर उसने उनका कहा नहीं माना तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। योगेश का कहना है कि उसके साथ 4 अन्य लड़के भी थे, जिन्हें किसान प्रदर्शनकारियों ने पकड़ा था। उनमें से एक का नाम सागर है। 19 तारीख की रात को किसान नेताओं ने योगेश को भोजन और शराब दी।
उसे जबरन शराब पिलाया गया। पुलिस से योगेश ने कहा कि वो किसी प्रकार के नशे का आदी नहीं है। इसके अगले दिन किसान नेताओं ने उसे बुरी तरह पीटा और हत्या की धमकी दी। उन नेताओं ने यहाँ तक दावा किया कि उसके साथ पकड़ाए अन्य लड़कों की हत्या कर दी गई है। हत्या के डर से योगेश उनका कहा मानने को राजी हो गया। जब योगेश सिंह ने पुलिस से संपर्क करना चाहा तो किसान नेताओं ने कहा कि वो उसकी ऐसी हत्या करेंगे कि उसकी लाश मिलनी भी मुश्किल हो जाएगी।
एक व्यक्ति के साथ किसान प्रदर्शनकारियों को मारपीट करते हुए उसने भी देखा था। उसने बताया कि उनमें से एक अधमरा हो गया था, जिसके बाद उसे कहाँ ले जाया गया उसे भी नहीं पता। किसानों ने उसे धमकाया कि उसने मीडिया के सामने कहना होगा कि उसे गणतंत्र दिवस के दिन आयोजित ट्रैक्टर रैली में उपद्रव के लिए और 4 किसान नेताओं को शूट करने के लिए आया था। उसे ये भी कहना था कि ये सब हरियाणा पुलिस की साजिश है।
उसे कहना था कि राई पुलिस थाने के एक प्रदीप नाम के अधिकारी ने उसे ये सब करने को कहा था। इसके बाद उसे मीडिया के सामने आकर ये सब कहना पड़ा। किसान नेताओं ने उसे कहा था कि अगर वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस को इस तरह बदनाम कर देगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा। इसी क्रम में शुक्रवार को योगेश सिंह मीडिया के सामने आया और उसने किसान नेताओं का कहा हूबहू दोहरा दिया।
उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसने ये भी कहा कि उसके साथ 10 और लोगों को भी तैयार रखा गया है, जो पुलिस की वर्दी में होंगे और आंदोलन में उपद्रव होते ही उन्हें प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना था। उसने दावा किया कि दो जगहों पर उसकी टीम को हथियार भी दिए गए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई किसान नेता मौजूद थे और राकेश टिकट उसके बगल में ही बैठे थे। उसने ये भी दावा किया था कि उसे 4 किसान नेताओं की तस्वीरें भी दी गई थीं, जिन्हें उसे शूट करना था।
#WATCH | Delhi: Farmers at Singhu border present a person who alleges a plot to shoot four farmer leaders and cause disruption; says there were plans to cause disruption during farmers’ tractor march on Jan 26. pic.twitter.com/FJzikKw2Va
— ANI (@ANI) January 22, 2021
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वो अपनी लाइनें बोलना भी भूल गया था। उसे किसान नेता एकाध शब्द बोल कर ये सब याद दिला रहे थे आखिर बोलना क्या है। फिर उसने कहा कि उसे व उसके साथियों को दो टीमों में बाँट दिया गया था और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान राकेश टिकैत उसे उसकी लाइनें याद दिलाते रहे। उसने मीडिया से कहा था, “हमें पहले किसानों को चेताना था। अगर वो नहीं माने तो उनके घुटनों में गोली मारनी थी।”
उसने आगे कहा था, “इसके बाद हमारी टीम के 10 लोगों को ताबड़तोड़ गोलीबारी करनी थी, जिससे ऐसा प्रतीत हो कि ये सब कुछ किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा किया जा रहा है। हम ये सब कुछ रुपए के लिए कर रहे थे और पुलिस अधिकारियों ने हम में से प्रत्येक को 10-10 हजार रुपए देने का वादा किया था। इसके बाद बूट, पगड़ी और रिब्ड जीन्स में पुलिस वर्दी में कुछ लोग आते और वो लाठीचार्ज करते।”
When Haryana Police went to arrest the ‘Shooter’, the Farm Leaders demanded police not to take any against him. Why?
If he’s saying Truth, plot to kill 4 farm leaders is act of Terrorism. Should be given life improsentmet.
They want to save him because they only planted him. pic.twitter.com/YdJ0VOKoXQ
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) January 22, 2021
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसने कहा था कि उससे हथियारों पर नजर रखने का काम दिया गया था। साथ ही उसने दावा किया था कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की एक रैली के दौरान भी उसने लाठीचार्ज किया था। उसने विभिन्न होटलों और ढाबों में ले जाकर प्रशिक्षण दिए जाने की बात भी कही थी और दावा किया था कि वो और उसके साथी हत्यारे नहीं हैं लेकिन रुपए कमाने के लिए वो इस तरह के काम किया करते थे।
सबसे रोचक बात ये है कि किसान प्रर्दशनकारी नहीं चाहते थे कि नकाबपोश योगेश सिंह को पुलिस को सौंपा जाए। उन्होंने पुलिस से कहा भी था कि वो योगेश के साथ सख्ती से पेश नहीं आए। क्या उन्हें अपनी पोल खुलने का डर था? वो वीडियो भी वायरल हो गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारी उसे पुलिस को नहीं सौंपना चाहते हैं। लेकिन, पुलिस उसे थाने लेकर गई और वहाँ सारा राज़ खुल गया।
किसान नेताओं ने अपने दावे को विश्वसनीय बनाने के लिए योगेश सिंह के फोन में उन चार ‘किसान’ नेताओं की तस्वीरें भी डाली, जिन्हें मारने की ‘नकाबपोश शूटर’ ने साजिश रची थी। हरियाणा पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से चार किसान नेताओं – बलबीर सिंह राजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा, कुलदीप संधू और जगजीत सिंह की तस्वीरें बरामद की हैं। ये तस्वीरें ‘किसान नेताओं’ द्वारा डाली गई थी, जिन्होंने उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झूठ बोलने की धमकी दी और प्रताड़ित किया।