बीजिंग। चीन ने ब्रिटिश टेलीविजन चैनल बीबीसी वर्ल्ड न्यूज पर प्रतिबंध लगा दिया है। चीन के राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन प्रशासन (एनआरटीए) ने गुरुवार को इस प्रतिबंध की घोषणा की है। चीन के इस निर्णय दुनिया के विकसित मुल्कों में काफी निंदा हो रही है। आइए जानते हैं कि चीन में मीडिया को कितनी आजादी है। क्या ड्रैगन के इस आरोप में दम है कि बीबीसी ने खबरों के सत्य और निष्पक्ष होने की आवश्यक शर्त का उल्लंघन किया है। क्या बीबीसी की निष्पक्षता पर सवाल उठाने वाले चीन के यहां मीडिया का आजादी हासिल है। क्या चीन में मीडिया स्वतंत्र है। आइए जानते हैं चीन का पूरा सच।
जानें चीन की आजादी का पूरा सच
- चीन ने अपने देश में इंटरनेट और मीडिया पर सख्त पाबंदियां लगा रखी हैं। चीन की अपनी सोशल मीडिया वेबसाइटें हैं, जिस पर सरकार का कड़ा नियंत्रण रहता है। आमतौर पर चीनी सोशल मीडिया कंपनियां राजनीतिक रूप से संवदेनशील पोस्टों को हटा देती हैं। इनमें चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों या फिर सरकार की निंदा से जुड़ी पोस्ट शामिल हैं। हाल में चीन सरकार ने ऑडियो आधारित चैटिंग ऐप क्लबहाउस पर बैन लगाया था। इतना ही नहीं दुनियाभर में लोकप्रिय साइटों व सर्च इंजन पर भी चीन ने प्रतिबंध लगा रखा है। चीन में गूगल सर्च, गूगल मैप, फेसबुक, यूट्यूब, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, माइको सॉफ्ट वन ड्राइव, न्यूयॉर्क टाइम्स पर प्रतिबंध लगा रखा है।
- चीन में नागरिकों को सर्च इंजन गूगल के स्थान पर Baidu सर्च इंजन का ऑफर दिया जाता है। इसी तरह यूट्यूब की जगह चीन के यूजर्स Youku Toudo की सर्विस लेते हैं। इतना ही नहीं चीन ने वॉट्सएप के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है। इसके स्थान पर WeChat ऐप का इस्तेमाल करते हैं। चीन में लोग TikTok एप का ग्लोबल वर्जन भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसके स्थान पर DouYin एप का विकल्प दिया गया है। दुनिया भर में लोकप्रिय फेसबुक मैसेंजर पर भी प्रतिबंध है। इसके स्थान पर चीनी नागरिक Tenceny QQ मैसेंजर का प्रयोग करते हैं।
वर्ष 2011 में पाकिस्तान ने बीबीसी वर्ल्ड न्यूज टीवी चैनल पर बैन लगाया था। वर्ष 2014 में रवांडा ने बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाया था। 2015 में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाया था। यह डॉम्यूमेंट्री दिल्ली दुष्कर्म घटना पर आधारित थी। इसके पीछे कांजीरंगा पर बीबीसी द्वारा बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री थी। 2016 में नॉर्थ कोरिया ने बीबीसी के जर्नलिस्टों पर बैन लगा दिया था। 2017 में भारत सरकार ने देश के सभी नेशनल पार्क और सेंचुरी में बीबीसी पर पांच वर्षों का बैन लगाया था।