नई दिल्ली। दिल्ली के मंगोलपुरी में बजरंग दल के कार्यकर्ता रिंकू शर्मा की निर्मम हत्या से पूरा देश आक्रोशित है। उनके लिए न्याय की माँग करते हुए स्थानीय लोगों ने शुक्रवार (12 फरवरी 2021) की शाम कैंडल मार्च निकाला। मार्च रिंकू शर्मा के घर से शुरू होकर पूरे मंगोलपुरी में निकाला गया।
इसमें रिंकू के छोटे भाई मन्नू, विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ काफी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए। मार्च में शामिल लोग ‘रिंकू शर्मा के हत्यारों को फाँसी दो’ के नारे लगा रहे थे। बीजेपी बाहरी दिल्ली के जिलाध्यक्ष बजरंग शुक्ला ने इस दौरान कहा कि रिंकू शर्मा एक होनहार युवक थे, जिनकी नृशंस हत्या कर दी गई। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए यह मार्च निकाला गया है।
उन्होंने कहा, “हम इसके जरिए जय श्रीराम कहने पर रिंकू की हत्या करने वाले आतताइयों और जुल्मी लोगों को संदेश देना चाहते हैं। रिंकू बलिदान हो गया। लेकिन आज भी लोग जय श्रीराम बोलने के लिए खड़े हैं। आप बोलो कितने लोगों की हत्या करोगे? हत्या आपका उद्देश्य है तो हम उससे डरने वाले लोग नहीं हैं। भय खाने वाले लोग नहीं हैं। जय श्रीराम।”
पश्चिम विहार स्थित एक अस्पताल में बतौर लैब टेक्नीशियन काम करने वाले 26 वर्षीय रिंकू शर्मा पर घर में घुसकर बुधवार (10 फरवरी 2021) की रात हमला किया गया था। अगले दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई। कथित तौर पर 25-30 लोगों के समूह ने हमला किया था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान मोहम्मद इस्लाम, दानिश नसीरुद्दीन, दिलशान और दिलशाद इस्लाम के तौर पर हुई है।
रिंकू अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चलाए जा रहे धन संग्रह अभियान में सक्रिय थे। रिपोर्ट के अनुसार बीते महीने इलाके में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक जागरुकता रैली निकाली गई थी। उस दौरान रिंकू का विवाद हो गया था। उस समय स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से मामला खत्म हो गया था। इसके बाद एक जन्मदिन पार्टी में रिंकू का आरोपितों से विवाद हुआ था। उसके बाद बुधवार की रात घर में घुसकर हमला किया गया।
मीडिया रिपोर्टों से यह बात सामने आई है कि जिन लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन कर रिंकू शर्मा ने अपना खून दिया था, उन्हीं लोगों ने उनकी बेरहमी से हत्या की। इस हत्याकांड में शामिल मोहम्मद इस्लाम की पत्नी लगभग 1.5 साल पहले गर्भवती थी। दिल्ली के रोहिणी स्थित अस्पताल में उसका उपचार हो रहा था। उसकी पत्नी की हालत गंभीर थी और उसे खून की सख्त ज़रूरत थी। इसके बाद रिंकू ने इस्लाम की पत्नी को एक नहीं बल्कि दो बार खून दिया था। आरोपितों को रिंकू शर्मा की ओर से मदद का सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं होता है। रिंकू शर्मा ने आरोपित मोहम्मद इस्लाम के भाई को कोरोना होने पर अस्पताल में भर्ती कराने में भी मदद की थी।