वर्ष 2021-22 के लिए 3043 करोड़ रु0 का बजट प्रस्तुत किया गया
आधुनिकीकरण/विस्तारीकरण हेतु 845 करोड़ रुपए का बजट प्राविधान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में आज यहां उनके सरकारी आवास पर राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की 159वीं बैठक सम्पन्न हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मण्डियों को सभी सुविधाओं से युक्त करते हुए विकसित किया जाए, ताकि किसानों को आसानी हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में मण्डियों का विकास आदर्श रूप में किया जाए।
बैठक के दौरान राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के निदेशक श्री जे0पी0 सिंह ने मुख्यमंत्री जी के समक्ष वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 3043 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया। इसमें 800 करोड़ रुपए के कार्पस फण्ड के अतिरिक्त मण्डियों के आधुनिकीकरण/विस्तारीकरण हेतु 845 करोड़ रुपए का बजट प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त सम्पर्क मार्गों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपए, गोदाम निर्माण, इण्टीग्रेटेड पैक हाउस के निर्माण आदि के लिए 50 करोड़ रुपए, गौ-आश्रय स्थलों के लिए 32 करोड़ रुपए, अन्य चैरिटेबिल कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपए तथा धान व गेहूं के क्रय हेतु कार्यशील पूँजी के रूप में 200 करोड़ रुपए का प्राविधान सम्मिलित है। मुख्यमंत्री कल्याणकारी योजनाओं के लिए 30 करोड़ रुपए तथा पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेण्ट के लिए 20 करोड़ रुपए का प्राविधान भी किया गया है।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि मण्डी परिषद द्वारा आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए मण्डी परिसरों में आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के मानकों के अनुसार मोबाइल टावर लगाने तथा परिसर में होर्डिंग्स/विज्ञापन लगाने हेतु वाणिज्यिक दर पर किराए पर दिए जाने की भी अनुमति प्रदान कर दी गई है, जिससे मण्डी की आय में वृद्धि होगी। मण्डी परिषद द्वारा प्रदेश में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत सामान्य सुविधा केन्द्र आदि बनाए जाने के लिए अनुमति प्रदान की गई, ताकि ऐसे जनपदों के कृषि उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहन मिल सके।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि मण्डी परिषद द्वारा मण्डी परिसरों में निर्मित दुकानों एवं गोदामों आदि को पारदर्शी प्रक्रिया से मण्डी लाईसेंसधारकों के मध्य आवंटन करने हेतु नियमावली में आवश्यक सुधार किए गए हैं तथा ऐसे कृषि उत्पादों, जिन पर पूर्व से मण्डी शुल्क नहीं लिया जा रहा है (जैसे अनन्नास आदि), के व्यापार को मण्डी परिसरों में प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उन्हें मात्र एक प्रतिशत यूजर चार्ज के आधार पर मण्डी में व्यापार करने की अनुमति प्रदान की गई। प्रदेश की मण्डी समितियों व मण्डी परिषद की आगामी दीर्घकालीन कार्ययोजना के निर्धारण हेतु कन्सलटेण्ट के चयन को अनुमोदित किया गया और आई0आई0एम0, लखनऊ नॉलेज पार्टनर के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री जी ने मण्डी परिषद को उपलब्ध फण्ड्स का तर्कसंगत उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि मण्डियों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जाए। उन्होंने मण्डियों में साफ-सफाई सुनिश्चित करते हुए सभी जन सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही, लाइटिंग और साइनेज की भी उचित व्यवस्था करने के लिए कहा। उन्होंने मण्डी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मण्डी परिषद द्वारा किसान हित के कार्यक्रम चलाए जाएं और आदर्श वातावरण सृजित किया जाए। सभी मण्डियां लोक कल्याणकारी हों। निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थलों की स्थापना के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इससे किसानों के साथ-साथ मण्डियों को भी लाभ होगा। उन्होंने मण्डी परिषद की भूमियों पर कॉमर्शियल निर्माण करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे मण्डी परिषद की आय बढ़ेगी। मण्डी परिषद द्वारा निर्मित करायी जा रही सड़कों के सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि इन सड़कों के निर्माण तथा अनुरक्षण में लगे ठेकेदारों द्वारा यदि शर्तों का उल्लंघन किया जाए, तो उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए।