माँ सरस्वती पर आपत्तिजनक बयान देने के बाद ट्विटर पर अरेस्ट दिलीप मंडल का हैशटैग ट्रेंड #ArrestDilipmandal कर रहा है। सोशल मीडिया पर पत्रकार दिलीप मंडल को जेल में डालने की बात कही जा रही है। मंगलवार (फरवरी 16, 2021) को बसंत पंचमी के अवसर पर मंडल ने माँ सरस्वती पर अभद्र टिप्पणी की, जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। लोग ने इस टिप्पणी को हिन्दु भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया है।
सरस्वती को मैं शिक्षा की देवी नहीं मानता। उन्होंने न कोई स्कूल खोला, न कोई किताब लिखी। ये दोनों काम माता सावित्रीबाई फुले ने किए। फिर भी मैं सरस्वती के साथ हूँ। ब्रह्मा ने उनका जो यौन उत्पीड़न किया, वह जघन्य है। – संदर्भ Phule J. , Slavery(1991), Govt of Maharashtra Publication pic.twitter.com/r0iTXfi02a
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 16, 2021
दिलीप मंडल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सरस्वती को मैं शिक्षा की देवी नहीं मानता। उन्होंने न कोई स्कूल खोला, न कोई किताब लिखी। ये दोनों काम माता सावित्रीबाई फुले ने किए। फिर भी मैं सरस्वती के साथ हूँ। ब्रह्मा ने उनका जो यौन उत्पीड़न किया, वह जघन्य है।” – इसके लिए मंडल ने महाराष्ट्र सरकार पब्लिकेशन से प्रकाशित Slavery(1991) नामक किसी किताब का जिक्र किया।
आरक्षण की भीख पर पलने वाले जिन्हें डर है कि कहि लाठी टूट गयी तो क्या होगा। वो अब शिक्षा पर भाषण देगा। और जो शोषण ईसाई मिशनरियों ने किया उसके लिए भी साथ होजा।
— Rituraj Singh Pundir (@rituraj_pundir) February 16, 2021
इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई। एक यूजर ने लिखा, “आरक्षण की भीख पर पलने वाले, जिन्हें डर है कि कहीं लाठी टूट गई तो क्या होगा। वो अब शिक्षा पर भाषण देगा और जो शोषण ईसाई मिशनरियों ने किया, उसके लिए भी साथ हो जा।”
काश बुद्धि आरक्षण में मिलती होती, तो तुमको पूरा पता होता कि शास्त्रानुसार सरस्वती, ब्रह्माजी की पत्नी है।
ब्रह्मा ने पत्नी के रूप-गुणों की कल्पना कर उनको रचा था वो पैदा नहीं हुई थी।
शुक्र है तुमने अपने बाप को मां के यौन उत्पीड़न और तुमको पैदा करने के जुर्म में जेल नहीं भिजवाया।
— Kapil Makrani (@kapil__makrani) February 16, 2021
एक अन्य यूजर ने लिखा, “काश बुद्धि आरक्षण में मिली होती, तो तुमको पूरा पता होता कि शास्त्रानुसार सरस्वती, ब्रह्माजी की पत्नी हैं। ब्रह्मा ने पत्नी के रूप-गुणों की कल्पना कर उनको रचा था, वो पैदा नहीं हुई थीं। शुक्र है तुमने अपने बाप को माँ के यौन उत्पीड़न और तुमको पैदा करने के जुर्म में जेल नहीं भिजवाया।”
मे भी कुछ लोगो को प्रोफेसर नहीं मानता,जो खुद पढ नहीं सकते वो पढाने मे लगे हे।गजब हे ना
— Ganesh (@Ganesh09593711) February 16, 2021
गणेश नाम के यूजर ने लिखा, “मैं भी कुछ लोगों को प्रोफेसर नहीं मानता। जो खुद पढ़ नहीं सकते, वो पढ़ाने में लगे हैं। गजब है ना।”
अरे आप पागल हो गए हो शर्म नहीं आती कुछ जानते नहीं हो तो कम से कम खुलेआम अपना मजा क्यों बनाते हो,ब्रह्मा जी और सरस्वती मां का संबंध क्या था यह भी आपको पता नहीं और तुम मैं तो ऐसा लग रहा है कि आप अपने मां पापा का रिलेशन को कभी ऐसे गंदे नजर में भी ले लोगे #ArrestDilipMandal
— Gitanjali Mohapatra (@GitanjaliMoha20) February 16, 2021
गीतांजलि मोहापात्रा ने लिखा, “अरे आप पागल हो गए हो, शर्म नहीं आती। कुछ जानते नहीं हो तो कम से कम खुलेआम अपना मजाक क्यों बनाते हो। ब्रह्मा जी और सरस्वती माँ का संबंध क्या था, यह भी आपको पता नहीं। ऐसा लग रहा है कि आप अपने माँ-पापा का रिलेशन को कभी ऐसे गंदे नजर में भी ले लोगे।”
यह क्या बकलोली है?
माताजी में आस्था नहीं है तो मत मानो! वह आपकी निजी राय है। लेकिन, यहां ट्विटर पर भौंकने की क्या जरूरत है?
किसने हक दिया आपको करोड़ों हिंदुओ की आस्था को दुखाने का?
बकवास करने की बजाय अपना काम कर।— Pritesh Suthar (@pasuthar) February 16, 2021
एक यूजर ने लिखा, “यह क्या बकलोली है? माताजी में आस्था नहीं है तो मत मानो! वह आपकी निजी राय है। लेकिन, यहाँ ट्विटर पर भौंकने की क्या जरूरत है? किसने हक दिया आपको करोड़ों हिंदुओ की आस्था को दुखाने का? बकवास करने की बजाय अपना काम कर।”
हिम्मत है तो ऐसा ही तू किसी दूसरे धर्म के आराध्यों के बारे में कह के दिखा जिंदा नहीं बचेगा।
वो तो हिन्दू सहनशील हैं ऐसे पागल कुत्तों के भौंकने पर रियेक्ट नहीं करते।— pramila (@pramila2710) February 16, 2021
प्रमिला नाम के एक यूजर ने लिखा, “हिम्मत है तो ऐसा ही तू किसी दूसरे धर्म के आराध्यों के बारे में कह के दिखा, जिंदा नहीं बचेगा। वो तो हिन्दू सहनशील हैं, ऐसे पागल कुत्तों के भौंकने पर रिएक्ट नहीं करते।”
मैं आदर करती थी आपका लेकिन आरक्षण की रोटियां मत सेको किसान आंदोलन से जनाधार लेकर। जाति का रोना बन्द करो 10-15 साल के लिए था अभी भी संतुष्टि नहीं हुई। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी के लिए भी गलत है ये सब पर आप लोगों को देश नहीं सिर्फ आरक्षण बचाना है। सरस्वती माँ का अपमान शर्म कर कुछ
— Sonali Dabas (@sonali_dabas) February 16, 2021
एक अन्य यूजर ने लिखा, “मैं आदर करती थी आपका, लेकिन आरक्षण की रोटियाँ मत सेंको। किसान आंदोलन से जनाधार लेकर जाति का रोना बन्द करो 10-15 साल के लिए था, अभी भी संतुष्टि नहीं हुई। सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी के लिए भी गलत है ये सब, पर आप लोगों को देश नहीं सिर्फ आरक्षण बचाना है। सरस्वती माँ का अपमान शर्म कर कुछ।”
मैकाले शिक्षा पद्धति एवं कम्युनिस्टों द्वारा लिखित इतिहास पढ़ा है तुम जैसे अनपढ़ लोगों ने और अपने धर्म को ढंग से नहीं जाना, तुम्हारे जैसे लोगों ने कभी डर से ,कभी बहकावे में आकर ऐसे ही धर्म परिवर्तन कर अपने मूल स्वरूप को भूल चुके हो ! अपनी पहचान खो चुके हो !
— कुमार सोमी ?? (@kumar_somi) February 16, 2021
कुमार सोमी नाम के यूजर ने लिखा, “मैकाले शिक्षा पद्धति एवं कम्युनिस्टों द्वारा लिखित इतिहास पढ़ा है तुम जैसे अनपढ़ लोगों ने और अपने धर्म को ढंग से नहीं जाना, तुम्हारे जैसे लोगों ने कभी डर से, कभी बहकावे में आकर ऐसे ही धर्म परिवर्तन कर अपने मूल स्वरूप को भूल चुके हो। अपनी पहचान खो चुके हो।”