‘हिंदुओं तौबा कर लो… कलमा पढ़ मुसलमान बन जाओ’: यति नरसिंहानंद, कोरोना पर मौलवी का जहरीला Video

कोलकाता। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति पीठ के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ देश के अलग-अलग इलाकों में इस्लामी कट्टरपंथियों ने किस तरह उनकी हत्या की धमकी देते हुए उपद्रव किया, ये पिछले दिनों में हमने देखा था। अब बांग्लादेश के एक कट्टरपंथी मौलवी का वीडियो सामने आया है। इसमें वह यति नरसिंहानंद के बयान को भारत में कोरोना से हुई मौतों से जोड़ जहर उगल रहा है।

पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसके बारे में उन्होंने बताया कि ये बांग्लादेश का है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि ये भारत के लिए बांग्लादेश का ‘दोस्ताना सन्देश’ है। इस वीडियो में कई लोग खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन करते दिख रहे हैं और एक मौलाना कह रहा होता है कि आज बांग्लादेश के दिनाजपुर में जुमे की नमाज के बाद वे लोग इकट्ठे हुए हैं। इससे पहले वो माइक लेकर कुछ आयतें भी पढ़ता है।

मौलाना कहता है, “हम ये कहने के लिए जुटे हैं कि हिंदुस्तान का वो पंडित, वो जलील पंडित ख़बीस नरसिंहानंद सरस्वती जिसने ‘रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम’ की शान में गुस्ताखी की है। हम ये कहना चाहते हैं कि पूरी दुनिया के हम 2 करोड़ मुसलमान, अल्लाह हमारी जान रसूलल्लाह के कदम पर कुर्बान करने के लिए तैयार हैं। सारी दुनिया के मुसलमान हर कुछ मान लेंगे, लेकिन रसूलल्लाह की शान में गुस्ताखी कभी नहीं मानेंगे।”

कई मौलवियों और कट्टरवादी मुस्लिमों की भीड़ के साथ खड़ा मौलवी आगे कहता है, “भारत सरकार से हम ये कहना चाहते हैं कि सुन लीजिए, ये सिर्फ हम नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लोग कह रहे हैं। आज जिस तरह से वहाँ कोरोना से लोग मारे जा रहे हैं और श्मशान घाट में चिता जलाने के लिए जगह नहीं मिल रही है- इसकी प्रमुख वजह ये हिंदुत्ववादी हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह इस्लाम की मुखालफत और रसूल अल्लाह की शान में गुस्ताखी है।”

उक्त मौलवी को ये कहते सुना जा सकता है कि अभी भी वक़्त है कि हिन्दू तौबा कर लें और रसूल अल्लाह से माफ़ी माँग लें। उसने कहा, “अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो तुम्हारी लाशें चिता पर नहीं जलाई जाएगी। तुम्हारी लाशों को चील-कौवे और गीदड़ खा कर ख़त्म करेंगे। मैं तुम्हें दावत देता हूँ। कलमा पढ़ मुसलमान हो जाओ। अगर मुक्ति चाहते हो तो इस्लाम अपना लो।” वहाँ साथ खड़े लोग हो-हो कर के मौलाना की बातों का समर्थन भी करते हैं। हालाँकि, ये साफ़ नहीं है कि ये वीडियो कब का है।