यूपी: जेल में रहते हुए जीत लिए थे चुनाव, अब धर्मेंद्र यादव की 48 लाख की प्रॉपर्टी हो रही कुर्क

लखनऊ। समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य धर्मेंद्र यादव की चल-अचल संपत्ति कुर्क किए जाने के आदेश डीएम ने जारी किए हैं. चिह्नित की गई संपत्ति की कीमत करीब 48 लाख बताई गई है. धर्मेंद्र ने इटावा जेल में रहते हुए भाग्यनगर ब्लॉक के चतुर्थ सीट से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था. 5 जून को जेल से रिहाई होने के बाद इटावा से औरैया तक बड़ी वाहन रैली निकालने की वजह से भी धर्मेंद्र सुर्खियों में रहे थे.

जेल में बैठ जीता था चुनाव, अब प्रॉपर्टी कुर्क

लेकिन अब धर्मेंद्र यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. डीएम ने एक आदेश जारी किया है जिस वजह से उनकी लाखों की संपत्ति कुर्क होने जा रही है. जिला मजिस्ट्रेट सुनील कुमार वर्मा ने उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम 1986 की धारा 14 (एक) के तहत आरोपी धर्मेंद्र यादव की चल-अचल संपत्ति (आवासीय प्लॉट, भूमि व वाहनों) की कुर्की के आदेश दिए हैं. इसमें दिबियापुर सहायल रोड पर 42 लाख रुपये कीमत से ज्यादा के 2 आवासीय मकान, 30 हजार व 40 हजार बाजार कीमत वाली दो मोटरसाइकिलें, 6.50 लाख से ज्यादा 0.109 हेक्टेयर जमीन और 2 लाख रुपये  कीमत वाला ट्रक शामिल है.

धर्मेंद्र ने कार्रवाई पर क्या कहा?

इस कार्रवाई से धर्मेंद्र यादव खासा नाराज नजर आ रहे हैं. उन्होंने राज्य की योगी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा है. उन्होंने प्रशासन पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में कहा गया है कि प्रशासन द्वारा लगातार बुरे तरीके से प्रताड़ित करने का काम जारी है. प्रशासन मुझे और मेरे परिवार को निरंतर परेशान कर रहा है. जैसा कि आज जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा द्वारा हमारे नाम की जो प्रॉपर्टी, हमारे माता-पिता के नाम की कुछ प्रॉपर्टी और हमारे बहन व अन्य प्रॉपर्टी को कुर्क करने का फरमान जारी किया गया है.

उन्होंने कहा कि, मैं शासन व प्रशासन से कहना चाहता हूं कि अगर आप लोगों की मंशा अभी भी पूरी नहीं हुई है तो मेरी बची प्रॉपर्टी को भी कुर्क कर दीजिए, लेकिन मैं इस तानाशाही सरकार के सामने झुकने वाला नहीं हूं और न ही कभी हार मानूंगा. मैं एक सच्चा समाजवादी हूं और मेरा कतरा-कतरा अखिलेश यादव पर कुर्बान है.

पहले भी दर्ज हुए मुकदमे

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी धर्मेंद्र पर एक केस दर्ज हो चुका है. 5 जून को जेल से रिहा होने के बाद धर्मेंद्र यादव के समर्थकों ने हाइवे पर एक विशाल जुलूस निकाला था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इटावा पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. धर्मेंद्र यादव समेत कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी.