डेल्टा वैरिएंट जानलेवा हो सकता है, WHO की चेतावनी, वैक्‍सीन की रफ्तार तेज करें देश

कोराना वायरस को लेकर लापरवाही एक बार फिर दिखने लगी है । बाजार खुल गए हैं और अब तो स्‍कूल खुलने की भी तैयारी शुरू हो गई है । लेकिन देश में जब अभी तक 18 से ऊपर के लोगों का वैक्‍सीनेशन ही पूरा नहीं हुआ है और बच्‍चों के वैक्‍सीनेशन का अभी कुछ अता-पता ही नहीं है, ऐसे में ये लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है । यही वजह है कि WHO ने दुनिया के देशों को आगाह किया है कि अगर टीकाकरण अभियान में तेजी नहीं लाई जाती तो कोरोना के नए-नए वेरिएंट पिछली बार से ज्यादा जानलेवा हो सकते हैं ।

स्थिति के लिए किया सचेत
WHO ने चेतावनी देते हुए कहा है कि डेल्टा वेरिएंट से लड़ने के लिए, इसे दबाने के लिए आवश्यक कदम तुरंत उठाए जाने चाहिए,  वरना स्थिति और भयावह हो सकती है । डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इसके लिए सभी देशों को टीकाकरण अभियान पर जोर देना चाहिए । उन्होंने ये भी कहा कि डेल्टा वेरिएंट के खतरनाक परिणामों को देखते हुए इस पर काबू पाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है ।

तेजी लाएं देश
डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से अपील की है कि सितंबर के आखिरी हफ्ते तक सभी देश कम से कम अपनी 10 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण जरूर करवा लें । आपको बता दें तेजी से फैलने वाला डेल्टा वेरिएंट अब तक 132 देशों में दस्तक दे चुका है । WHO के इमरजेंसी डाइरेक्टर माइकल रेयान ने इसे लेकर कहा है कि ये डेल्टा प्‍लस वैरिएंट हमारे लिए चेतावनी है, हमें सचेत होना होगा । रेयान ने कहा कि इससे पहले कि कोई और खतरनाक वेरिएंट सामने आए, हमें इसे दबाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है । WHO के प्रमुख टेडरॉस ने भी कहा कि अब तक चार वेरिएंट को लेकर चिंता रही है और जब तक ये वायरस फैलता रहेगा, तब तक नए वेरिएंट सामने आते रहेंगे ।

सावधानी अब भी जरूरी, लापरवाही नहीं चलेगी
डेल्टा वेरिएंट पर चिंता जाहिर करते हुए टेडरोस ने डब्‍डूस्‍पष्‍ट कहा है कि, संक्रमण अब भी उतना ही जानलेवा है, इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ेगी । बचाव के लिए सुरक्षात्मक उपाय अब भी जरूरी है, दूरी बनाना, फेस मास्क, हाईजीन का ख्याल, अनावश्यक बाहर जाने से बचना जैसी बातों का ध्‍यान अब भी रखना होगा । इस तरह से ही डेल्टा स्ट्रेन रुकेगा । डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वायरस अब भी तेजी से फैल रहा है, इसलिए देशेां को वैक्सीनेशन पर तेजी से काम करना होगा । सभी देश साल के अंत तक 40 प्रतिशत आबादी को वैक्सीनेशन का लक्ष्‍य रखें ।