कॉन्ग्रेस का ट्विटर अकाउंट लॉक, राहुल गाँधी समेत कई नेताओं का किया जा चुका है पहले ही – पार्टी ने फेसबुक पर बताया

नई दिल्‍ली। कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के बाद अब ट्विटर ने कॉन्ग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल को भी लॉक कर दिया है। इस बात का खुलासा खुद कॉन्ग्रेस ने ही किया है। दरअसल, ट्विटर ने ये कार्रवाई उसके नियमों का उल्लंघन करने के मामले में की है। पार्टी ने दावा किया है कि रणदीप सुरजेवाला समेत पाँच सीनियर लीडर्स के अकाउंट्स को भी ट्विटर ने लॉक कर दिया है।

जिन पाँच लोगों के अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उनमें रणदीप सुरजेवाला, अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन, लोकसभा में पार्टी के सचेतक मनिकम टैगोर, असम प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और महिला कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव शामिल हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ के अकाउंट को भी लॉक किया गया है।

 

इस मामले की जानकारी कॉन्ग्रेस ने फेसबुक के जरिए दी है। अपनी पोस्ट में कॉन्ग्रेस ने कहा है कि उसके नेताओं को जब जेलों में बंद कर दिया गया था तो वो डरी नहीं। अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या खाक डरेगी।

कॉन्ग्रेस ने फेसबुक पेज पर लिखा, “जब हमारे नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, हम तब नहीं डरे तो अब ट्विटर अकाउंट बंद करने से क्या ख़ाक डरेंगे। हम कॉन्ग्रेस हैं, जनता का संदेश है, हम लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे। अगर बलात्कार पीड़िता बच्ची को न्याय दिलाने के लिए आवाज उठाना अपराध है, तो ये अपराध हम सौ बार करेंगे। जय हिंद… सत्यमेव जयते।”


साभार: फेसबुक

गौरतलब है कि दिल्ली में 9 साल की बच्ची से कथित बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी पीड़ित परिवार से मिले थे। इसके बाद उन्होंने इसकी तस्वीर ट्विटर पर शेयर कर दी थी। इसके बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मामले में संज्ञान लेते हुए ट्विटर को राहुल गाँधी के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था। इसके बाद ट्विटर ने राहुल गाँधी के अकाउंट को लॉक कर दिया।

सरकार के दवाब में काम करने का आरोप

कॉन्ग्रेस के सोशल मीडिया हेड रोहन गुप्ता ने ट्विटर पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इसने पूरे भारत में उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं के 5,000 अकाउंट को पहले ही ब्लॉक कर दिया है। उन्होंने कहा कि ट्विटर को यह समझने की जरूरत है कि ट्विटर या सरकार द्वारा उन पर दबाव नहीं डाला जा सकता है।