अफगानिस्तान में नए तालिबान शासन के प्रति अपनी पहली प्रतिक्रिया के रूप में, सऊदी अरब ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि एक कार्यवाहक सरकार के आगमन से युद्धग्रस्त राष्ट्र को ‘स्थिरता’ हासिल करने और हिंसा और उग्रवाद पर काबू पाने में मदद मिलेगी। सऊदी अरब ”बाहरी हस्तक्षेप से दूर, अपने देश के भविष्य के बारे में अफगान लोगों द्वारा किए गए विकल्पों” का समर्थन करेगा। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने यह बात कही है।
Minister of Foreign Affairs H.H Prince @FaisalbinFarhan, participated in the virtual ministerial meeting on #Afghanistan. pic.twitter.com/2UqHVC4pGm
— Foreign Ministry ?? (@KSAmofaEN) September 9, 2021
सऊदी की राजधानी रियाद में एक संवाददाता सम्मेलन में प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा कि राज्य को उम्मीद है कि अफगानिस्तान में कार्यवाहक प्रशासन का गठन “सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने, हिंसा और उग्रवाद को खारिज कर आकांक्षाओं के अनुरूप एक उज्ज्वल भविष्य के निर्माण की दिशा में एक कदम होगा।”
सऊदी विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की संप्रभुता का हम सम्मान करते हैं और इस ‘कठिन समय’ से निपटने में सहायता प्रदान करने का वचन देते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों और पिछले महीने काबुल हवाईअड्डे पर हुए बम विस्फोटों में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की।
आपको बता दें कि 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान के पहले के शासन के दौरान, सऊदी अरब पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ तीन देशों में शामिल था, जिसने शासन की वैधता को स्वीकार किया था।