भारत की महिला क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 3 वनडे की सीरीज के आखिरी मुकाबले में दो विकेट से हरा दिया, ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में भारत को 265 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसे टीम इंडिया ने 3 गेंद रहते पूरा कर लिया, भारत की टीम में यास्तिका भाटिया और शेफाली वर्मा की जितनी भूमिका रही, उतनी ही तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की भी रही, झूलन ने आखिरी ओवर में चौका जड़ टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई, उनके लिये टीम की ये जीत इसलिये भी खास है, क्योंकि पिछले मैच में उनकी दो नोबॉल टीम इंडिया पर भारी पड़ गई थी, मुट्ठी में मैच होने के बाद भी हार गई थी, इसके बाद झूलन की आलोचना भी हो रही थी, लेकिन उन्होने आज उस हार का हिसाब चुकता कर लिया।
टीम इंडिया को तीसरे वनडे में अंतिम 6 गेंद में जीतने के लिये 4 रन चाहिये थे, झूलन ने तीसरी गेंद पर चौका जड़ ना सिर्फ भारत को ऑस्ट्रेलिया पर 2 विकेट से ऐतिहासिक जीत दिलाई, बल्कि कंगारुओं के लगातार 26 मैच जीतने के विजयी रथ को भी रोक दिया, ये भारत का वनडे में सबसे बड़ा रन तेज है, इस मैच में झूलन ने तीन विकेट भी लिये, उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया, उन्होने इसी मैच में अपने 600 विकेट भी पूरे किये।
पिछले वनडे में ऑस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में जीत के लिये 13 रन चाहिये थे, काफी सोचने-विचारने के बाद कप्तान ने टीम की सबसे अनुभवी गेंदबाज झूलन को गेंद थमाई, उनके ओवर की पहली दो गेंद पर ऑस्ट्रेलिया ने 5 रन बनाये, अब ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिये 4 गेंद में 8 रन की दरकार थी, झूलन की तीसरी गेंद नोबॉल रही, अगली गेंद फ्रीहिट थी, गनीमत रही कि इस पर सिर्फ बाय का 1 रन आया, अब आखिरी 3 गेंदों में 3 रन चाहिये थे, फिर आखिरी गेंद पर 3 रन चाहिये थे, स्ट्राइक पर निकोला कैरी थी, झूलन की ये गेंद फुलटॉस थी, इस पर कैरी ने मिडविकेट की ओर शॉट खेला और वहां खड़ी फील्डर ने कैच लपक लिया, टीम इंडिया जश्न मनाने लगी, तभी अंपायर ने गेंद की ऊंचाई जांचने के लिये थर्ड अंपायर का रुख किया, टीवी अंपायर ने इसे नोबॉल करार दिया।
इसका टीम इंडिया को बड़ा खामियाजा उठाना पड़ा, एक रन तो ऑस्ट्रेलिया के खाते में जुड़ा, फ्री हिट भी मिल गई, अब ऑस्ट्रेलिया को दो रन चाहिये थे, कैरी ने झूलन की इस गेंद पर दो रन ले लिये, ऑस्ट्रेलिया मैच जीतने के साथ ही सीरीज भी बराबर कर लिया। लेकिन अब झूलन ने इस मुकाबले का बदला ले लिया है, हालांकि सीरीज 2-1 से गंवा दी।