चंडीगढ़। वर्ष 2022 की शुरुआत में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए एक दर्जन मंत्रियों समेत कांग्रेस के तीन दर्जन से अधिक विधायकों ने टिकटों के लिए आवेदन नहीं किया है, जबकि आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर को खत्म हो चुकी है। टिकट के लिए आवेदन करने में बड़े नेताओं ने रुचि नहीं दिखाई है। हालांकि 2017 के मुकाबले इस बार टिकट मांगने वालों की संख्या में करीब 50 फीसद इजाफा हुआ है। इसका मुख्य कारण कांग्रेस द्वारा टिकट आवेदन पर कोई भी शुल्क नहीं लगाया जाना है।
वर्ष 2017 में कांग्रेस से टिकट मांगने वालों की संख्या 1050 के करीब थी, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 1620 तक पहुंच चुकी है। अहम बात यह है कि टिकट के आवेदन के लिए कोई शुल्क न होने के कारण एक ही परिवार के कई-कई लोगों ने आवेदन किया है। टिकट के लिए राज्य के महज 8 से 9 मंत्रियों ने ही आवेदन किया, जिसमें कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशू, राणा गुरजीत सिंह, रजिया सुल्ताना, गुरकीरत कोटली, मनप्रीत बादल, परगट सिंह आदि शामिल हैं। इसी प्रकार से 30 के करीब विधायकों ने ही टिकट के लिए आवेदन किया है।
कांग्रेस के सूत्र बताते है कि आवेदन शुल्क नहीं होने के कारण इस बार लोगों में आवेदन करने की होड़ ज्यादा थी, क्योंकि पिछली बार आवेदन के लिए कांग्रेस ने अपने विधानसभा क्षेत्र के दो-दो मतदाताओं से हस्ताक्षर भी करवाने थे। इस बार कांग्रेस ने ऐसी शर्तों को हटा लिया था। जिस कारण भी अपना नाम उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल करवाने के लिए लोगों में ज्यादा होड़ मची रही। वहीं, बड़ी संख्या में विधायकों द्वारा टिकट के लिए आवेदन नहीं करना भी एक चर्चा का केंद्र बना हुआ है।