दिल्ली की सड़कों पर उतरे डॉक्टर्स, पुलिस के लाठीचार्ज पर काम बंद करने का ऐलान

नई दिल्ली। नीट परीक्षा में बार-बार हो रही देरी के खिलाफ डॉक्टर्स ने आज जोरदार प्रदर्शन (Delhi Doctor’s Strike) किया. डॉक्टर्स ने अपना मार्च मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से शुरू किया. इस दौरान इसे लेकर खूब नारेबाजी की गई. डॉक्टर्स सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंचना चाह रहे थे, लेकिन डॉक्टर्स को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक जाने से रोक दिया. डॉक्टरों के प्रदर्शन पर फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में बर्बरता का दावा करते हुए इसे चिकित्सा बिरादरी के इतिहास में काला दिन कहा है. उन्होंने पुलिस  कार्रवाई की निंदा की. साथ ही घोषणा की कि आज से सभी स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से बंद रहेंगे.

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम नीट 2021 काउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे हैं, जब दिल्ली पुलिस ने कई रेजिडेंट डॉक्टरों को हिरासत में लिया, जो सुप्रीम कोर्ट तक मार्च कर रहे थे. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव डॉ. सर्वेक्षण पांडे ने बताया, हम 17 दिसंबर से दिल्ली के अस्पतालों में नियमित और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं.
निर्माण भवन के बाहर हमारे विरोध का कोई नतीजा नहीं निकला, इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट के बाहर विरोध करने और अपने लैब कोट को सुप्रीम कोर्ट को सौंपने का फैसला किया था, लेकिन हमें बीच में ही रोक दिया गया. उन्होंने कहा, “हम अदालत से मामले में सू मोटो (स्वत: संज्ञान) लेने का अनुरोध करते हैं, क्योंकि तीसरी लहर (कोविड की) दरवाजे पर दस्तक दे रही है और हम पर नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के कारण अधिक बोझ बना हुआ है.”

आखिरकार क्या है पूरा मामला?
देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर 27 नवंबर से नीट पीजी काउंसलिंग 2021 परीक्षा के कई स्थगन और उसके बाद मेडिकल कॉलेजों में रेजिडेंट डॉक्टरों के नए बैच के प्रवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. 6 दिसंबर को, आरडीए ने अस्पतालों में आपातकालीन और नियमित सेवाओं का बहिष्कार किया था. हालांकि, 9 दिसंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद महासंघ ने एक सप्ताह के लिए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था.