लखनऊ नगर निगम ने साढ़े तीन हजार सफाईकर्मियों को हटाया, वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगे

लखनऊ (आई वाच न्यूज़ नेटवर्क)। ठेकेदारी प्रथा से चल रही सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। करीब 3500 सफाईकर्मियों की छुट्टी कर दी गई है। यह कार्रवाई भी तब की गई है, जब कई चरण की जांच में इतनी संख्या में कर्मचारियों को मौके पर नहीं पाया गया, जबकि स्मार्ट ïफोन पर उनकी उपस्थिति दर्ज हो रही थी और नगर निगम को प्रतिदिन प्रति कर्मचारी के हिसाब से 308 रुपये मानदेय देना पड़ रहा था।

देर शाम नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी की तरफ से जारी आदेश में नगर निगम के पुरानी सीमा में 25 प्रतिशत और विस्तारित क्षेत्र में पचास प्रतिशत सफाई कर्मचारियों की कटौती की गई है। इस निर्णय से कई पार्षद और अधिकारी भी सकते हैं, जिनका हाथ ठेकेदारों पर रहता था। नगर निगम की पुरानी सीमा में करीब दस हजार सफाई कर्मी और विस्तारित क्षेत्र में 27 सौ सफाई कर्मी तैनात थे। ठेका प्रथा से चल रही सफाई व्यवस्था में बड़ा घालमेल चल रहा था। ठेकेदार बिना कर्मचारी लगाए ही भुगतान करा लेते थे, जबकि शहरवासियों को खुद के खर्च पर ही सफाई करानी पड़ती थी। ठेकेदार पर लगाम लगाने के लिए सफाई कर्मियों को स्मार्ट घड़ी भी दी गई थी लेकिन इस घड़ी का कई पार्षदों ने ही विरोध कर दिया था और नगर निगम को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था।