नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने रिजर्व बैंक (आरबीआई) और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक बार फिर फंसे कर्ज के बारे में रघुराम राजन की चिट्ठी और जानबूझकर कर्ज अदा नहीं करने वालों के नाम का खुलासा करने को कहा है. आयोग ने अपने 66 पृष्ट के विस्तृत आदेश में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा फंसे कर्ज के बारे में भेजी गयी चिट्ठी का खुलासा करने के निर्देश का पालन नहीं करने को लेकर नाराजगी जताई है.
सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि मामले में यदि कोई आपत्ति जानकारी देने को लेकर मिली हुई छूट पर आधारित है तो पीएमओ को ऐसे प्रावधान के बारे में बताना चाहिये और इनकार करने के पीछे के तर्क को बताना चाहिये. उन्होंने कहा कि पीएमओ ने राजन की चिट्ठी का खुलासा करने के निर्देश को जिन तर्को के आधार पर नहीं माना है वे वैध नहीं हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं.
आचार्युलु जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के नाम का ब्यौरा मांगने वाले संदीप सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कार्यालय का यह नैतिक, संवैधानिक और राजनीतिक दायित्व बनता है कि वह देश के नागरिकों को जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों का नाम बताये और यह भी जानकारी दी जानी चाहिये कि देश के करदाताओं के धन से उन्हें जो कर्ज दिया गया उसकी वसूली के लिये बैंकों ने क्या कदम उठाये हैं.
सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना की कई श्रेणियों को रिजर्व बेंक ने बताने योग्य नहीं माना है. रिजर्व बैंक ने अपनी प्रकटीकरण नीति के तहत यह कहा है इसके लिये आरटीआई कानून के विशिष्ट प्रावधानों का उल्लेख भी किया है.