पटना। बिहार में नए राजनीतिक समीकरण की सुगबुगाहट तेज हो गई है. एनडीए के मौजूदा घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ाने की कोशिश में जुटी है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल का उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में विलय हो सकता है. हाल ही में दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई थी. मुलाकात के बाद उठ रहे सवालों को उपेंद्र कुशवाहा ने खारिज कर दिया था. लोकतांत्रिक जनता दल के नेता उदय नारायण चौधरी के ताजा बयान के बाद विलय की संभावना तेज हो गई है.
उदय नारायण चौधरी ने कहा कि आरएलएसपी से हमारी नीतियां और दिल मिले हैं एब दोनों भी मिल जाएंगे. उन्होंने कहा कि जो सवाल उपेंद्र कुशवाहा उठा रहे हैं, वही मुद्दे हमारे दल के भी हैं. वहीं, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता उपेंद्र राय ने कहा कि शरद यादव और उपेंद्र कुशवाहा के रिश्ते काफी अच्छे हैं. ज्ञात हो कि सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए को 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम दे रखा है.
इससे पहले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को बिना नाम लिए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पिछलग्गू तक बता दिया था. साथ ही, उनसे सृजन घोटाले पर भी कुछ बोलने के लिए कहा. कुशवाहा ने सुशील मोदी का नाम लिए बगैर सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि कुछ लोग प्रचार के भूखे, अवसरवादी और स्वभाव से सत्तापरस्त होते हैं. कुशवाहा के हालिया बयान के बाद तो यह तय माना जा रहा है कि वह आगे एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगे.