पाक सेना में तनाव? क्या बाजवा पर से भरोसा टूट रहा है? सत्ता के गलियारों में बड़ा सवाल

क्या पाकिस्तानी सेना में कोई आंतरिक कलह या गुटबाजी चल रही है? और क्या यही वजह है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के व्यवहार में नाटकीय बदलाव आया? अंदरूनी सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को विशेष रूप से बताया कि बाजवा द्वारा सात सप्ताह के भीतर दो फॉर्मेशन कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (एफसीसी) का आयोजन देश के सर्वोच्च सत्ता प्रतिष्ठान में तनाव का संकेत देता है क्योंकि पाकिस्तान सेना के इतिहास में ऐसा होना काफी दुर्लभ है. 80वां फॉरमेशन कमांडर्स कॉन्फ्रेंस रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय में 8 जून को आयोजित किया गया था, जबकि इससे पहले एफसीसी कॉन्फ्रेंस 12 अप्रैल को लगभग सात सप्ताह पहले आयोजित हुआ था.

एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “आजादी के बाद के 75 वर्षों में, पाकिस्तानी सेना ने 1947 से मार्च 2022 तक केवल 78 एफसीसी को बुलाया है, जिसका मतलब है कि एक साल में एक एफसीसी. एफसीसी में वार्षिक प्रगति और अन्य परिचालन एजेंडों पर विचार-विमर्श किया जाता है. युद्ध के समय में दो विशेष एफसीसी बुलाई गई थी. जब से सत्ता बदली, जनरल बाजवा ने बिना किसी विशेष एजेंडा के दो एफसीसी बुलाई है, जैसा कि हमने पिछले वाले में देखा था, जो कि सोच से परे या बिल्कुल ही दुर्लभ है.”

6 जून को ऐसा ही एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया, जहां कुछ पूर्व-सेना अधिकारियों ने बाजवा से इस्तीफे की मांग की और उन पर सत्ता परिवर्तन एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटाने में शामिल होने का भी आरोप लगाया. इसी वजह से एफसीसी के ऐसे समय में होने को सूत्र काफी अहम मान रहे हैं. इस बीच, यह भी बेहद महत्वपूर्ण है कि सेना प्रमुख बाजवा ने 15 मार्च से एक भी कोर कमांडरों का सम्मेलन (सीसीसी) नहीं किया है, जो कि एक मासिक कार्यक्रम है.

कुछ ऐसे सवालों की सूची, जिस पर एफसीसी के बाद पाकिस्तानी सत्ता के गलियारों में चर्चा हो रही है:

1. जनरल बाजवा कोर कमांडर्स कांफ्रेंस क्यों नहीं बुला रहे हैं? उन्हें किससे डर लग रहा है?
2. सेना का वार्षिक प्रमोशन बोर्ड अभी भी क्यों नहीं आयोजित किया गया है? अप्रैल के पहले सप्ताह से इसे क्यों रोककर रखा गया है?
3. पूर्व डीजी आईएसआई और पेशावर के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल फैज का भविष्य क्या है?
4. राजनेताओं को अब भी सत्ता से मिले-जुले संकेत क्यों आ रहे हैं?
5. पुराने प्रमुख निर्णय अभी तक क्यों नहीं लिए गए हैं?
6. क्या एफसीसी का आयोजन संस्था के भीतर बाजवा के लिए विश्वास हासिल करने की कोशिश के तौर पर उन लोगों को स्पष्ट संदेश देने के लिए किया गया, जो सक्रिय रूप से उनके खिलाफ प्रचार कर रहे हैं?
7. क्या कोर कमांडरों में नाराजगी है और वे सीसीसी से बचने के पीछे सेना प्रमुख से इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं? कोर कमांडरों के पास बाजवा के इस्तीफे के लिए उन्हें मजबूर करने का कोई तरीका नहीं है. हालांकि, यह एक अलग कहानी हो सकती है यदि वे कठोर रास्ता चुनने का फैसला करते हैं. ऐसा ही एक सवाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल ने भी पूछा था.