नई दिल्ली। महंगे पेट्रोल-डीजल ने आम आदमी को बुरी तरह रुला दिया है. देश में लाखों लोगों ने अपने वाहनों को घरों में शोपीस बनाकर खड़ा कर दिया है. क्योंकि महंगे पेट्रोल- डीजल (Petrol-Diesel) को खरीद पाना कम आय वाले लोगों के बजट में ही नहीं रहा है. लोगों की समस्या को देखते हुए एक बार फिर सरकार ने पेट्रोल-डीजल की निर्भरता कम करने के लिए नया तरीका निकाला है. आपको बता दें कि सरकार फ्लेक्स ईंधन (flex-fuel)पर एक बार फिर फोकस कर रही है. बताया जा रहा है कि अगले 6 माह में फ्लेक्स फ्यूल की कारें (flex-fuel car)माक्रेट में लाने के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कार कंपनियों से बात चल रही है.
जानें क्या है flex-fuel?
आपको बता दें कि फ्लेक्स-फ्यूल ऐसा इंधन हैं जिसके जरिये हम अपनी कार को इथेनॉल के साथ मिश्रित ईंधन पर चला सकते हैं. एक्सपर्ट के मुताबकि गैसोलीन और मेथनॉल या एथनॉल के संयोजन से बना (flex-fuel)एक वैकल्पिक ईंधन है. जिससे पेट्रोल-डीजल की निर्भरता कम हो जाएगी. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में बताया था कि फ्लेक्स इंजन कम लागत में ही तैयार हो जाते हैं. जिसके चलते मार्केट कारों की कीमतें भी कम हो सकती हैं. साथ ही पेट्रोल डीजल की चिंता भी आम आदमी को नहीं सताएगी. क्योंकि फ्लेक्स इंजन में 1 लीटर फ्यूल खरीदने की कॅास्ट लगभग 59 से 60 रुपए के आसपास ही आएगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि सरकार फ्लैक्स फ्यूल इंजन (Flex Fuel Engine) को बहुत जल्द मंजूरी देने वाली है. उन्होंने कहा कि ये नियम हर तरह के वाहनों के लिए बनाया जाएगा. साथ ही इसको लेकर नितिन गडकरी की ऑटो कंपनियों से बात भी हो चुकी है. फ्लेक्स फ्यूल इंजन को वाहनों में फिट करने के लिए उन्होने कुछ समय मांगा है. बताया जा रहा है कि अगले साल तक ट्रायल के लिए फ्यूल फ्लेक्स इंजन की कार आपको सड़कों पर दिख सकती है.