सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में रचा इतिहास, ब्रॉन्ज जीतने वाली पहली पुरुष जोड़ी

वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप 2022 में भारतीय स्टार शटलर जोड़ी चिराग शेट्टी और सात्विक साईराजरंकीरेड्डी ने कमाल का प्रदर्शन किया, लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें हारकर ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा है. सेमीफाइल में मलेशियन जोड़ी आरोन चिया और सोह वुई यिक ने 20-22, 21-18, 21-16 से हराया है.

इससे पहले 2011 में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था

यह वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के इतिहास में मेन्स डबल्स कैटेगरी में भारत का पहला मेडल है. ओवरऑल (महिला-पुरुष) डबल्स में भारत का यह दूसरा मेडल रहेगा. इससे पहले 2011 में भारत ने महिला डबल्स कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

यह मेडल ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने दिलाया था. उस वक्त भी यह महिला जोड़ी वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गई थीं. तब उन्हें चाइनीज जोड़ी से हारकर ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा था.

जीत से शुरुआत, पर आखिरी दो गेम में हारे सात्विक-चिराग

चिराग शेट्टी और सात्विक साइराज रंकीरेड्डी की जोड़ी लगातार शानदार प्रदर्शन कर रही है. इस जोड़ी ने हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. अब इस भारतीय जोड़ी से वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में भी गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन सेमीफाइनल में करीबी मुकाबले में हार झेलनी पड़ी.

सात्विक-चिराग ने मलेशियाई जोड़ी के खिलाफ शानदार शुरुआत की थी. उन्होंने पहले गेम में 22-20 से शानदार जीत दर्ज की थी. मगर इसके बाद दूसरा गेम काफी रोमांचक रहा, जिसमें 18-21 के अंतर से नजदीकी हार मिली. तीसरा गेम भी काफी रोमांचक रहा. यह भी बराबरी पर चल रहा था, लेकिन आखिर में सात्विक-चिराग को 16-21 से हार झेलनी पड़ी.

चैम्पियनशिप में भारत का यह 13वां मेडल

वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के इतिहास में यह भारत का 13वां मेडल है. पहला मेडल प्रकाश पादुकोण ने 1983 में दिलाया था. तब डेनमार्क में हुई चैम्पियनशिप में प्रकाश पादुकोण ने सिंगल्स कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

भारत ने वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप में अब तक एक ही गोल्ड जीता है. यह स्वर्ण पदक भी पीवी सिंधु ने 2019 में दिलाया था. भारत का रिकॉर्ड 2011 के बाद से इस चैम्पियनशिप में शानदार रहा है. इस दौरान भारत ने लगातार मेडल जीते हैं.