लखीमपुर/लखनऊ। लखीमपुर में दो दलित बहनों की रेप और हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, मामले ने 2014 के बदायूं केस की यादें ताजा कर दी, जहां तमाम राजनीतिक पार्टियों ने यूपी के कानून-व्यवस्था पर सवाल उठा दिये थे, अब लखीमपुर मामले ने भी तूल पकड़ लिया है, पुलिस ने पास्को के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट, बलात्कार तथा हत्या के तहत केस दर्ज कर लिया है, 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पीड़ित परिवार का दावा है कि उनकी बेटियों का पहले किडनैपिंग हुआ, फिर रेप के बाद हत्या की गई, दूसरी ओर पुलिस इन दावों को गलत बता रही है, अब इन दो अलग दावों के बीच एक लीडिंग न्यूज चैनल ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की है, समझने की कोशिश की है कि आखिर पूरा मामला है क्या।
ये पूरा मामला 14 सितंबर को एक फोन कॉल से शुरु हुई, दोपहर 12 बजे बड़ी बहन ने जुनैद को फोन लगाया, वो जुनैद को पिछले एक साल से जानती थी, जो छोटी बहन थी वो दूसरे आरोपित सोहेल को पिछले 9 महीनों से जानती थी, यूपी पुलिस से सूत्रों का दावा है कि जुनैद और सोहेल दोनों बहनों का शारीरिक शोषण कर रहे थे, दोनों ने वादा किया कि वो उनसे शादी करेंगे, 14 सितंबर को लड़कियां इस बात पर आमदा थी कि वो लड़कों के साथ भाग जाएंगी, इसी मंशा के साथ उन्होने लड़कों को फोन किया था।
ऐसे में सारी तैयारी पहले से थी, अब हुआ ये कि बड़ी बहन के फोन करने के बाद जुनैद और सोहेल अपनी बाइक लेकर लड़कियों के घर पहुंचे, हाफिजुल भी उनके साथ आया था, सब फिर वहां से निकल गये, पुलिस के अनुसार घर से दोनों बहनों को ले जाने के बाद जुनैद और सोहेल ने उनका रेप किया, तब तक उनका साथी हाफिजुल पहरा देता रहा, पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकारा है कि जब वो लोग वहां से जाने की कोशिश कर रहे थे, तो दोनों बहनों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, जमकर बवाल हुआ, लड़कियां शादी करने पर जोर दे रही थी, कहा गया कि जो वादा किया, उसे निभाओ, मामला बढता देख दोनों आरोपी आपा खो बैठे, आरोपियों ने बताया कि गुस्से में उन्होने दोनों बहनों पर हमला कर दिया, बड़ी बहन ने ज्यादा विरोध किया, इस तरह से उसके शरीर पर चोट के तीन अतिरिक्त निशान मिले, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ये खुलासा हो चुका है।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने पहले तो दोनों बहनों की हत्या की, फिर बड़ी चालाकी से इसे सुसाइड का रुप देने की कोशिश की, इसी वजह से मौका-ए-वारदात पर दोनों बहनों के शव पेड़ से लटके मिले, असल में हत्या के बाद जुनैद ने करीमुद्दीन और आरिफ को फोन लगाया, जिसके बाद उनकी मदद से दोनों के शव को पेड़ से लटकाया गया, अब इस पूरे मामले में एक चश्मदीद ने बताया कि दोनों बहनों ने आरोपित लड़कों को रोकने का पूरा प्रयास किया था, वो नहीं चाहती थी कि लड़के उन्हें छोड़कर जाएं, आलम ये था कि दोनों ने बाइक का कैरियर तक पकड़ लिया था, उस पूरी घटना का वीडियो एक गांव वाले ने अपने फोन से बनाया है।