लखीमपुर खीरी/लखनऊ। लखीमपुर खीरी में दो नाबालिग बहनों की रेप के बाद हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और झकझोर देने वाला मामला सामने आ गया. यहां गैर समुदाय के युवकों की छेड़छाड़ के बाद बुरी तरह पिटाई से जख्मी एक युवती की शुक्रवार को मौत हो गई. वहीं पुलिस ने शनिवार को युवती के पोस्टमॉर्टम होने के बाद सांप्रदायिक तनाव से बचने के लिए जेसीबी से गड्ढा खुदवाकर शव दफना दिया.
तीन जगह पुलिस से लगाई गुहार, नहीं हुई कार्रवाई
लड़की का भाई जब घर पहुंचा तो उसे घटना की जानकारी दी गई. आरोप है कि इसके बाद परिजन घायल बेटी को लेकर आरोपियों की शिकायत करने पहले पडरिया पुलिस पिकेट पर ले गए लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद वे बिजुआ पुलिस चौकी गए लेकिन वहां भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद परिवार बेटी को लेकर भीरा थाने पहुंचा.
मामूली धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों को छोड़ दिया
लड़की की मां ने आरोप लगाया कि घटना की जानकारी देने के बाद दरोगा ने डांट-डपटकर लड़की का बयान लेकर वीडियो बना लिया. इसके बाद मारपीट, जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर आरोपियों को छोड़ दिया था.
पीड़िता की मां ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी बेटी का मेडिकल टेस्ट भी नहीं कराया था. कहने के बाद भी दरोगा ने किसी महिला पुलिसकर्मी को बयान के लिए नहीं बुलाया एक चौकी इंचार्ज ने लड़की का बयान लिया. 16 सितंबर को लड़की की हालत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उसे सीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
परिवार ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार किया
मामले में पुलिस की लापरवाही से नाराज परिजनों ने शव का पोस्टमॉर्टम कराने से मनाकर दिया. इसके बाद मामले की जानकारी होते ही एडीएम, एसडीएम और एडिशनल एसपी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस अफसरों ने परिवार को समझा-बुझाकर कर रात करीब 1:00 बजे लड़की के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया.
गोला तहसील के एसडीएम अनुराग सिंह ने बताया कि 12 सितंबर को मारपीट हुई थी, उस संबंध में मुकदमा लिखा गया था. इसके बाद 16 सितंबर को लड़की तबीयत खराब होने पर 3:00 बजे उसे इलाज के लिए सीएचसी भेजा गया. 5:00 बजे तक उसका इलाज चला. इसके बाद उसने दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि मौत के कारणों को पता नहीं चल पाया है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही वजह पता चल पाएगी.
हिंदू संगठन के हंगामे का पुलिस को था डर
पोस्टमॉर्टम के बाद युवती का शव उसके घर लाया गया लेकिन मामला सांप्रदायिक होने के कारण पुलिस को इस बात का डर था कि हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचकर हंगामा कर सकते हैं. इसलिए उसने तुरंत जेसीबी मंगवाकर गड्ढा खुदवा दिया. इसके बाद बिना वक्त गंवाए जेसीबी की मदद से शव को दफना दिया गया.