गाजियाबाद। शराब के नशे में धुत चार दोस्तों ने एक मामूली विवाद पर अपने ही शिक्षक दोस्त के सिर पर डंडे से हमला कर उनकी हत्या कर दी. मामला गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र का है, जहां चार दोस्तों द्वारा एक शिक्षक दोस्त की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है. दरअसल मुरादपुर थाना क्षेत्र इलाके में शराब पीने के बाद पांच दोस्तों में टूर के खर्चे को लेकर विवाद शुरू हुआ था जिसके बाद आदेश नाम के एक शिक्षक आदेश त्यागी की हत्या कर दी गयी थी. अब इस मामले में पुलिस ने 3 दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जाता है कि यह पूरी वारदात 13 अगस्त की है. वहीं शिक्षक का शव 25 अगस्त को बरामद हुआ था. शिनाख्त के बाद 7 सितंबर को शिक्षक के परिजनों ने मुकदमा दर्ज कराया. मिली जानकारी के अनुसार तीनों दोस्त के बीच शराब के नशे में हुई कहासुनी और गाली-गलौच हुई थी. इस दौरान दोस्तों ने आदेश के सिर पर डंडा मारा था, जिससे उनकी मौत होने बात सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चारों दोस्तों ने मिलकर आदेश के शव को कुएं में फेंक दिया था. इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात का खुलासा हो जाने का दावा किया है.
इस मामले पर एसपी देहात डॉ. ईरज राजा का कहना है कि पकड़े गए आरोपी सुराना के नवरत्न, सौरभ और गौरव हैं. वहीं इनका एक साथी मोनू फरार है. गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे लोग सुराना के जंगल में बैठकर शराब पी रहे थे. इसी दौरान घूमने को खर्चे को लेकर उनके बीच कहासुनी हुई और मामला बढ़ गया. पुलिस के अनुसार मामले बढ़ने के बाद तीनों दोस्तों ने ही वहां पड़े डंडे से आदेश पर हमला कर दिया, जिसके बाद वह बेहोश हो गया. मरा समझकर सभी दोस्तों ने आदेश को पास के कुएं में फेंक दिया.
घटना के बाद चारों दोस्त चले गए थे घूमने
बताया जाता है कि घटना के बाद चारों दोस्त घूमने चले गए थे. मुरादनगर थाना प्रभारी सतीश कुमार के अनुसार आदेश को कुंए में फेंकने के बाद चारों आरोपी एक टैक्सी से बागर चले गए थे. वहां से वो 22 अगस्त को गाजियाबाद लौटे थे. आरोपियों को लगा कि किसी को इस हत्या के बारे में पता नहीं है. लेकिन 25 अगस्त को जब पुलिस ने आदेश का शव बरामद किया तो वो एक बार फिर फरार हो गए.- पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है. बता दें, शिक्षक आदेश त्यागी मूल रूप से बागपत के रहने वाले थे. वहीं नौकरी के कारण वह मुरादनगर में किराए पर कमरा लेकर अकेले ही रहते थे. वह एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में अध्यापक थे.