उत्तराखंड की अंकिता भंडारी का पार्थिव शरीर श्रीनगर गढ़वाल पहुंच चुका है. आज यानी रविवार को विधि विधान के साथ अंकिता की अंत्येष्टि एनआईटी घाट श्रीनगर में की जाएगी. अंकिता पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीकोट गांव की रहने वाली थी. जानकारी के मुताबिक, इस गांव में सिर्फ तीन ही परिवार रहते हैं. गांव में और भी कई घर हैं लेकिन लगभग सभी परिवार यहां से पलायन कर चुके हैं. गांव में रहने वाले तीन परिवारों में से एक घर अंकिता का भी है.
सचिन भंडारी नामक एक भाई है जो कि कम्प्यूटर कोर्स कर रहा है. परिवार की मदद करने के लिए ही अंकिता ने एक साल का होटल मैनेजमेंट का डिप्लोमा किया और रिजॉर्ट में नौकरी पर लग गई. परिवार खुश था कि बेटी अब कमाने लगी है. लेकिन उन्हें क्या पता था कि एक दिन यही नौकरी उसे इतनी भारी पड़ेगी.
बेटी की मौत से परिवार तो सदमे में है ही. लेकिन पूरा प्रदेश भी अंकिता की मौत से दुखी है. 19 साल की अंकिता के लिए हर कोई इंसाफ की मांग कर रहा है. प्रदेश में अंकिता के लिए जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. लोगों की बस एक ही मांग है कि अंकिता के हत्यारोपियों को फांसी की सजा दी जाए.
अंकिता के पिता बोले- आरोपियों को फांसी हो
अंकिता के पिता ने कहा कि उत्तराखंड के डीजीपी से बात हुई है, उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है. अंकिता के पिता दोषियों को फांसी की मांग कर रहे हैं. पिता ने कहा कि उन्हें अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है.
चिल्ला पावर हाउस के पास से मिला अंकिता का शव
बता दें, पुलिस को अंकिता की बॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास से मिली. पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी 19 साल की थी. अंकिता बीते 18-19 सितंबर से गायब थी. पुलिस और SDRF की टीमें जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं.
नहर में दिया था धक्का
अंकिता भंडारी केस में रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है. लेकिन उससे पहले नाराज लोगों का गुस्सा आरोपियों पर फूट पड़ा. पेशी पर ले जाते समय लोगों ने उनकी पिटाई कर दी. 19 साल की अंकिता जो एक रिजार्ट में काम करती थी. उसे आरोपियों ने पहाड़ी से नहर में धक्का दे दिया था.
अंकिता पर गलत काम करने का दबाव
मामले को लेकर डीजीपी अशोक कुमार का शनिवार को बड़ा बयान सामने आया था. उन्होंने कहा कि इस मामले में रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अंकिता पर गलत काम करने का दबाव था. डीजीपी ने बताया कि अंकिता भंडारी पर पुलकित के भाई अंकित आर्य को स्पेशल सर्विस देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था.
रिजॉर्ट पर चलाया गया बुलडोजर
उधर, अंकिता मर्डर केस में सीएम पुष्कर धामी ने भी दुख जताया और कहा कि उत्तराखंड की बेटी को इंसाफ जरूर मिलेगा. सीएम धामी के निर्देश पर प्रशासन ने अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलाया. तो वहीं, गुस्साए लोगों ने आरोपी पुलकित आर्य के रिजॉर्ट के पिछले हिस्से में अचार बनाने वाली फैक्ट्री में स्थानीय लोगों ने तोड़-फोड़ की. फिर इसमें आग लगा दी.
12वीं क्लास की टॉपर थी अंकिता
19 साल की अंकिता न केवल मेहनती और होशियार लड़की थी, बल्कि दूसरों की मदद करने से भी कभी पीछे नहीं हटती थी. Aajtak.in से बातचीत में अंकिता के क्लासमेट विवेक ने बताया, ”मैंने अंकिता के साथ 12वीं तक की पढ़ाई की है. साल 2020 में उसने कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर 12वीं कक्षा में पूरे स्कूल में टॉप किया था. उसकी पढ़ाई पौड़ी गढ़वाल के BR मॉर्डन स्कूल से हुई है. बारहवीं में टॉपर होने के साथ-साथ उसे Business सब्जेक्ट में भी बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड मिला था.” विवेक ने आगे बताया, अंकिता क्लास में टीचर के हर सवाल का जवाब देती थी. टीचर उसे काफी पसंद करते थे. पढ़ाई के साथ-साथ वह दूसरों की मदद करने के लिए भी हमेशा तैयार रहती थी.