नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष की ओर से एनडीए के खिलाफ ‘महागठबंधन’ बनाने की कोशिशें जारी हैं। हालांकि, विपक्षी दलों की ओर से एकजुटता के लिए जारी प्रयास अभी तक रंग नहीं दिखा पाया है। इसी कड़ी में रविवार को हरियाणा के फतेहाबाद में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) ने रैली आयोजित की। इसमें कई विपक्षी दल एक मंच पर नजर आए, लेकिन कुछ अहम पार्टियां नदारद भी रहीं।
लंबे समय तक कांग्रेस विरोधी होने का इतिहास रखने वाले नेता इनेलो के ओम प्रकाश चौटाला और शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल, एनसीपी के शरद पवार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सीताराम येचुरी व शिवसेना के अरविंद सावंत जैसे अन्य सीनियर नेता एक साथ एक मंच पर मौजूद थे। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव भी मंच पर थे। इस रैली को गैर-भाजपा दलों के बीच एकजुटता की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, कांग्रेस की ओर से किसी ने रैली में शिरकत नहीं की।
रैली में नहीं आए ममता समेत ये विपक्षी नेता
अहम विपक्षी दलों में आने वाले DMK, TRS और TMC इस रैली में शामिल नहीं हुए। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को निमंत्रण दिया गया था या नहीं। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मैसेज भेजकर में रैली में शामिल न हो पाने की मजबूरी बताई।
नीतीश कुमार इन दिनों कांग्रेस सहित गैर-भाजपा दलों के बीच एकता की जरूरत पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने पिछले महीने भाजपा से नाता तोड़ लिया था और राहुल गांधी, पवार और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित कई प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए दिल्ली आए थे। रैली में भी उन्होंने कांग्रेस और वाम दलों समेत सभी विपक्षी पार्टियों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का मुख्य मोर्चा यह तय करेगा कि 2024 के आम चुनाव में भगवा पार्टी को बुरी तरह शिकस्त मिले।
मैं प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं: नीतीश कुमार
कुमार ने कहा कि यह समय सभी विपक्षी दलों का मुख्य मोर्चा बनाने का है, न कि कोई तीसरा मोर्चा बनाने का। उन्होंने कहा कि ऐसा मोर्चा शानदार तरीके से जीत हासिल करेगा। रैली स्थल से रवाना होते समय नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा सरकार के तहत कोई वास्तविक काम नहीं हो रहा है। उन्होंने भाजपा पर मीडिया सहित विभिन्न संस्थानों पर नियंत्रण करने का आरोप लगाया, ताकि एकतरफा विमर्श को आगे बढ़ाया जा सके।
सरकार बदलने की दिशा में करना होगा काम: पवार
शरद पवार ने कहा कि समय आ गया है कि हर कोई 2024 में केंद्र में सरकार बदलने की दिशा में काम करे। उन्होंने कहा कि किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन किया, लेकिन केंद्र सरकार ने बहुत लंबे समय तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। पवार ने कहा कि किसानों और युवाओं का आत्महत्या करना कोई समाधान नहीं है, जबकि बदलाव लाना वास्तविक समाधान है और सभी को 2024 में केंद्र में सरकार बदलने की दिशा में प्रयास करना चाहिए।
‘असली NDA’ होने का भी किया गया दावा
वहीं, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने समान विचारधारा वाले दलों का संयुक्त मोर्चा बनाने की अपील की। बादल ने कहा कि उनकी पार्टी, शिवसेना और जनता दल (यूनाइटेड) ‘असली राजग’ है, क्योंकि उन्होंने ही गठबंधन की स्थापना की थी। बादल ने कहा कि यही समय है, जब सभी समान विचारधारा वाले दल किसानों और मजदूरों के झंडे तले एकजुट हों और उनके कल्याण के लिए काम करें। इस तरह से फतेहाबाद की रैली में विपक्षी दलों ने हुंकार तो जोरदार भरी, लेकिन कांग्रेस समेत कुछ अहम विपक्षी दलों की दूरी से यह आवाज बहुत दूर तक नहीं गई होगी।