अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों (हिंदुओं-सिखों) पर तालिबान का कहर अब भी जारी है। यही कारण है कि तालिबान की सत्ता आने के एक साल बाद भी अफगानिस्तान से अल्पसंख्यकों का पलायन जारी है। खबर है कि अफगानिस्तान (Afghanistan) से एक बार फिर 55 सिखों को दिल्ली (Delhi) लाया गया है। इन्हें ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGMC)’ एक विशेष विमान (Special Flight) से दिल्ली लेकर आया गया है। सिखों से भरा ये विमान रविवार (25 सितंबर, 2022) को ‘इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA)’ पर पहुँचा।
Delhi | A special flight carrying 55 Afghan Sikh minorities fleeing from Afghanistan arrived at Delhi airport yesterday, as a part of efforts to evacuate the distressed minorities in the Taliban-led nation pic.twitter.com/TMkigo1wdk
— ANI (@ANI) September 26, 2022
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, जो 55 अफगान सिख भारत लौटे हैं, उनमें से एक ने अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की दयनीय स्थिति के बारे में बताया। बलजीत सिंह ने सिखों पर तालिबान के अत्याचारों का खुलासा करते हुए एएनआई को बताया, “अफगानिस्तान में हालात ठीक नहीं हैं। मुझे चार महीने की कैद हुई थी। तालिबान ने हमें धोखा दिया है, उन्होंने जेल में हमारे बाल तक काट दिए।” बलजीत सिंह ने आगे कहा, “मैं भारत और अपने धर्म में वापस लौटने के बाद बहुत खुश हूँ। 11-12 लोग जो नहीं आ पाएँ हैं, मुझे उम्मीद है वह भी जल्द ही लौट आएँगे।”
"The condition is not very well in Afghanistan. I was imprisoned for four months. Taliban have cheated us, they butchered our hair in prison. I am thankful and happy to return to India and to our religion," said an Afghan Sikh, Baljeet Singh pic.twitter.com/UIk6cav7Nr
— ANI (@ANI) September 26, 2022
अफगानिस्तान से भारत लौटने वाले सिख मनसा सिंह वहाँ के काबुल गुरुद्वारे में एक सेवादार थे। उन्होंने भारत लौटने में मदद करने के लिए पीएम मोदी (PM Modi) का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं भारत सरकार और पीएम मोदी को ई-वीजा की सुविधा के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ, जिन्होंने भारत लौटने में हमारी मदद की।”
एक अन्य सिख सुखबीर सिंह खालसा ने कहा, “हम भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि उन्होंने हमें तत्काल वीजा दिया और हमें यहाँ पहुँचने में हमारी मदद की। हम में से कई लोगों के परिवार अभी भी वहाँ छूट गए हैं। अफगानिस्तान में अभी भी उनके लगभग 30-35 लोग फँसे हुए हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनका संगठन ‘मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी’ कार्यक्रम चला रहा है, जिसके तहत 543 अफगान सिखों और हिंदू परिवारों को सभी सुविधाएँ प्रदान करके पश्चिमी दिल्ली में उनका पुनर्वास किया गया है।
बता दें कि इससे पहले 3 अगस्त, 2022 को 28 सिखों को भारत लाया गया था। यहाँ आकर उन्होंने अफगानिस्तान में गैर मुस्लिमों के भयावह हालातों के बारे में बताया था। अफगानिस्तान से आए तरण सिंह ने बताया था कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद उनके बच्चे डर से स्कूल नहीं जा रहे थे। उनके परिवार वाले जिस प्रकार से दिल्ली में स्वतंत्र हो कर घूम रहे हैं, ऐसा अफगानिस्तान में संभव ही नहीं था।