लखनऊ। यूपी के पूर्व सीएम तथा सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है, उन्होने आज सुबह 8.16 बजे अंतिम सांस ली, वो 82 साल के थे, मुलायम गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे, पिछले रविवार से उनकी हालत नाजुक थी, आइये आज हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े 10 बड़े राज बताते हैं।
मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक तथा व्यक्तिगत जीवन में किस्सों की कमी नहीं है, लेकिन उनके जीवन में साधना गुप्ता का आना किसी बड़ी चर्चा से कम नहीं था, साधना उनकी दूसरी पत्नी कैसे बनी, उनकी प्रेम कहानी घर वालों को रास क्यों नहीं आई, इसकी भी एक रोचक दास्तान है, नेताजी जब राजनीति के शिखर पर थे, उसी वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता की एंट्री हुई, कहते हैं कि 1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने, तो साधना गुप्ता पार्टी में एक कार्यकर्ता के हैसियत से काम कर रही थी, बेहद खूबसूरत और तीखे नैन-नख्श वाली साधना गुप्ता पर जब नेताजी की नजर पड़ी, तो वो बस देखते ही रह गये। साधना नेताजी से करीब 20 साल छोटी थी, लेकिन पहली नजर में ही मुलायम दिल हार बैठे, दोनों पहले से शादीशुदा थे, साधना की शादी फर्रुखाबाद के छोटे से व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी, लेकिन बाद में वो उनसे अलग हो गई, फिर मुलायम और साधना गुप्ता की लव स्टोरी शुरु हुई।
80 के दशक में साधना और मुलायम की लव स्टोरी की भनक अमर सिंह के अलावा किसी और को नहीं थी, इसी दौरान 1988 में साधना ने बेटे प्रतीक को जन्म दिया, कहा जाता है कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी तथा अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई थी, नब्बे के दशक में जब मुलायम सीएम बने, तो बात धीरे-धीरे फैलने लगी कि उनकी दो पत्नियां है, लेकिन किसी की मुंह खोलने की हिम्मत नहीं होती थी, फिर 90 के दशक के आखिर में अखिलेश को साधना और प्रतीक के बारे में पता चला, कहा जाता है कि उस समय मुलायम साधना गुप्ता की हर बात मानते थे।
1993 से 2007 के दौरान मुलायम के करीब रहकर साधना गुप्ता ने अकूत संपत्ति बनाई, आय से अधिक संपत्ति का उनका केस आयकर विभाग के पास है, 2003 में मालती देवी का बीमारी से निधन हो गया, जिसके बाद मुलायम का सारा ध्यान साधना गुप्ता पर आ गया। हालांकि मुलायम अभी रिश्ते को सार्वजनिक रुप से स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे, मुलायम और साधना के संबंध की जानकारी मुलायम परिवार के अलावा अमर सिंह को थी, मालती देवी के निधन के बाद साधना गुप्ता चाहती थी कि मुलायम उन्हें आधिकारिक पत्नी का दर्जा दें, लेकिन पारिवारिक दबाव, खासकर अखिलेश की वजह से मुलायम रिश्ते को सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे।
अखिलेश तैयार नहीं थे
2006 में साधना गुप्ता अमर सिंह से मिलने लगी, उनसे आग्रह किया कि वो नेताजी को मनाएं, मर सिंह ने साधना और प्रतीक गुप्ता को अपनाने के लिये मुलायम को मनाया, 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से साधना गुप्ता को पत्नी के रुप में स्वीकार करने का आग्रह किया, मुलायम राजी हो गये, लेकिन अखिलेश कतई तैयार नहीं थे।