समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह 8:16 बजे निधन हो गया। 82 साल के मुलायम का गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में 50 दिन से इलाज चल रहा था। यूरिन और बीपी की प्रॉब्लम बढ़ने के बाद 2 अक्टूबर को उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया था। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ती गई।
निधन के बाद बेटे अखिलेश यादव ने जानकारी दी कि मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेताजी नहीं रहे।
मुलायम के निधन पर उत्तर प्रदेश में 3 दिन और बिहार में एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है। अंतिम संस्कार के लिए मुलायम की पार्थिव देह सैफई स्थित पैतृक निवास लाई गई है। मंगलवार दोपहर 3 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ शाम को सैफई पहुंचे और मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी।
अंतिम संस्कार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी भी मौजूद रहेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को श्रद्धांजलि देने के लिए मेदांता भी पहुंचे थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राजद चीफ लालू यादव समेत सभी बड़े नेताओं ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम को श्रद्धांजलि दी है।
मोदी ने गुजरात की रैली में सबसे पहले मुलायम को याद किया
PM नरेंद्र मोदी सोमवार को गुजरात के भरुच में जनसभा कर रहे थे। यहां भी उन्होंने सबसे पहले मुलायम सिंह यादव को याद किया। कहा, “मुलायमजी का जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मेरा मुलायमजी के साथ नाता विशेष प्रकार का रहा। हम दोनों मुख्यमंत्री के तौर पर मिला करते थे, वे भी और मैं भी दोनों के प्रति एक अपनत्व का भाव अनुभव करते थे।
2014 में जब भाजपा ने मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए चुना तो मैंने विपक्ष में अपने परिचित लोगों को फोन करके आशीर्वाद लिया था। उस दिन मुलायमजी का वह आशीर्वाद, सलाह के दो शब्द आज भी मेरी अमानत हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर मुलायम सिंह यादव के साथ 8 तस्वीरें शेयर की…. उनमें से दो तस्वीरों में देखिए मोदी के मुलायम
मुलायम की पब्लिक अपीयरेंस की आखिरी तस्वीर…
मुलायम पिछले दो साल से बीमार चल रहे थे, 26 सितंबर से मेदांता में भर्ती थे
मुलायम सिंह यादव दो साल से बीमार चल रहे थे। परेशानी अधिक बढ़ने पर उन्हें अक्सर हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता रहा। पिछले साल उन्हें कोरोना भी हुआ था। 26 सितंबर 2022 को आखिरी बार चेकअप के लिए मुलायम सिंह यादव मेदांता गुरुग्राम पहुंचे थे। तब से आखिर तक वे वहीं भर्ती थे।
5 सितंबर 2022 को भी मुलायम सिंह को मेदांता में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। अक्टूबर 2020 में मुलायम कोरोना पॉजिटिव भी हो गए थे, हालांकि उन्होंने वैक्सीन लगवाई थी। अगस्त 2020 में पेट दर्द के चलते मेदांता में भर्ती कराए गए थे। जांच में यूरिन इन्फेक्शन का पता चला था।
आज की कुछ और तस्वीरें देखिए…
इतिहास से मुलायम सिंह यादव की कुछ तस्वीरें…
तीन बार UP के मुख्यमंत्री और सात बार सांसद रहे
जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की। मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने। जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था। 5 दिसंबर 1989 को मुलायम पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। बाद में वे दो बार और प्रदेश के CM रहे। उन्होंने केंद्र में देवगौड़ा और गुजराल सरकार में रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी संभाली। नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह सात बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए।
1992 में सपा बनाई, फिर सियासत के महारथी बन गए
मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को लखनऊ में समाजवादी पार्टी बनाने की घोषणा की थी। मुलायम सपा के अध्यक्ष, जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष, कपिल देव सिंह और मोहम्मद आजम खान पार्टी के महामंत्री बने। मोहन सिंह को प्रवक्ता नियुक्त किया गया। इस ऐलान के एक महीने बाद यानी 4 और 5 नवंबर को बेगम हजरत महल पार्क में उन्होंने पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित किया। इसके बाद नेताजी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में स्थायी मुकाम बना लिया।
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यूं ही अलग नहीं कहलाते थे मुलायम: परीक्षा छोड़ कुश्ती लड़ते थे, दरोगा को मंच पर पटक दिया था
राजनीति में एंट्री करने से पहले मुलायम कुश्ती लड़ते थे। एग्जाम छोड़कर कुश्ती लड़ने चले जाते थे। 1960 में जब मुलायम कॉलेज में पढ़ते थे, तब कवि सम्मेलन के मंच पर दरोगा को एक युवा ने चित कर दिया।
22 नवंबर 1939 को सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव की पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई। मुलायम कुछ दिन तक मैनपुरी के करहल में जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे। पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं। पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया था। अखिलेश यादव मुलायम की पहली पत्नी के ही बेटे हैं।
पहलवानी, टीचिंग और फिर राजनीति; साइकिल से चुनाव प्रचार किया, इसी को बनाया सिंबल
मुलायम सिंह यादव ने जीवन में कई तरह की मुश्किलें देखीं। वह कई दलों में शामिल रहे और बड़े नेताओं की शागिर्दी भी की। इसके बाद उन्होंने अपना दल बनाया और एक-दो बार नहीं बल्कि यूपी में तीन बार सत्ता संभाली। यूपी की राजनीति जिस धर्म और जाति की प्रयोगशाला से होकर गुजरी उसके एक कर्ताधर्ता मुलायम सिंह भी रहे।
40 साल पहले अस्पताल में हुआ था मुलायम-साधना को प्यार
मुलायम सिंह यादव और साधना की लव-स्टोरी 40 साल पहले सैफई के एक अस्पताल से शुरू हुई थी। 9 जुलाई 2022 को साधना का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उसके बाद मुलायम ने इस लव-स्टोरी को जिंदा रखा, लेकिन आज उसी अस्पताल में ये प्रेम कहानी खत्म हो गई। यानी उसी मेदांता अस्पताल में सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया।