Samsung के सैकड़ों कर्मचारियों को कैंसर, मुआवजे में मिलेंगे 94 लाख

दक्षिण कोरिया की दिग्गज कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने शुक्रवार को अपने उन कर्मचारियों और उनके परिवारों से माफी मांगी जो उसके सेमीकंडक्टर के कारखाने में काम करने के दौरान कैंसर से पीड़ित हो गए. इसी के साथ चिप बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी का यह दशक भर लंबा विवाद खत्म हो गया. कंपनी के उपाध्यक्ष किम की-नाम ने कहा, ‘हम उन कर्मचारियों और उनके परिवारों से दिल से माफी मांगते हैं जिन्हें कैंसर की बीमारी हुई.’

सबसे बड़ी मोबाइल फोन और चिप बनाने वाली कंपनी
उन्होंने कहा, ‘हम अपने सेमीकंडक्टर और एलसीडी कारखानों में स्वास्थ्य जोखिमों का ठीक से प्रबंधन करने में नाकाम रहे थे.’ सैमसंग इलेक्ट्रॉनिकस दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन और चिप बनाने वाली कंपनी है. गौरतलब है कि सैमसंग की सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले कारखाने में काम करने वाले करीब 240 कर्मचारी काम के दौरान बीमार पड़े. इसमें से करीब 80 की मौत हो गई.

कर्मचारी 16 तरह के कैंसर से पीड़ित
ये कर्मचारी 16 तरह के कैंसर से पीड़ित हैं. इसमें भी कुछ के बच्चों को भी इस तरह की बीमारियां हुई हैं. यह मामला 1984 से जुड़ा है और इसका पहली बार खुलासा 2007 में हुआ था. इसके खिलाफ अभियान चलाने वाले समूहों के अनुसार इस संबंध में इस महीने की शुरुआत में कंपनी ने एक मुआवजा नीति की घोषणा की है. इस नीति के अनुसार सैमसंग हर पीड़ित कर्मचारी को 15 करोड़ वॉन (करीब 94 लाख रुपये) का मुआवजा देगी.

भारत में इन परिस्थितियों में मिलता है दुर्घटना पर मुआवजा
देश के वर्कर कम्‍पनसेशन एक्‍ट, 1923 में वर्कर इन परिस्थितियों में मुआवजा पाने का अधिकार है:
1- ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में चोटिल होने पर
2- फैक्‍ट्री आते-जाते समय दुर्घटना होने पर
3- इम्‍प्‍लॉयर के काम से बाहर जाने पर दुर्घटना पर
4- फैक्‍ट्री में काम की प्रकृति से कर्मचारी बीमार पड़ जाए
5- पर बीमारी काम छोड़ने के दो साल बाद हो तो कर्मचारी मुआवजे का अधिकारी नहीं
6- अगर दुर्घटना या बीमारी से कर्मचारी की मौत हो तो उसके आश्रित संबंधी को मुआवजा मिलेगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *